कांग्रेस में प्यार, TMC में शादी और BJP में तलाक, दिलचस्प है सौमित्र और सुजाता की कहानी, अब एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं चुनाव

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान कहीं पर देवरानी-जेठानी और ससुर चुनावी मुकाबले में हैं. लेकिन एक सीट ऐसी भी है जहां पूर्व पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में खड़े हैं.
Lok Sabha Election 2024

बीजेपी नेता सौमित्र खान और टीएमसी नेत्री सुजाता मंडल

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान कहीं पर देवरानी-जेठानी और ससुर चुनावी मुकाबले में हैं. लेकिन एक सीट ऐसी भी है जहां पूर्व पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में खड़े हैं. ये पश्चिम बंगाल की बिष्णुपुर लोकसभा सीट है. यहां तृणमूल कांंग्रेस की उम्मीदवार सुजाता मंडल अपने पूर्व पति सौमित्र खान के खिलाफ पूरे जोर-शोर से चुनाव लड़ रही हैं. चुनाव के बीच इन दोनों प्रत्याशीयों की रिश्ते की खूब चर्चा हो रही है.

बता दें कि सौमित्र खान और सुजाता मंडल की मुलाकात साल 2010 में हुई थी. उस वक्त सौमित्र खान कांग्रेस पार्टी में थे जबकि सुजाता मंडल एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं. जब दोनों में नजदीकियां बढ़ीं तो सुजाता सौमित्र के साथ कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल होने लगीं. इस तरह सौमित्र और सुजाता कांग्रेस में रहते हुए ही एक-दूसरे के करीब आए.

ये भी पढ़ें- ‘ले थप्पड़, दे थप्पड़…’, YSRCP विधायक शिवकुमार और वोटर के बीच बवाल , देखें VIDEO

परिवार के खिलाफ जाकर सुजाता ने की थी शादी

साल 2014 में जब सौमित्र ने कांग्रेस को छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए तो सुजाता भी उनके साथ टीएमसी में चली गईं. इसके बाद साल 2016 में दोनों ने शादी कर ली. ऐसी चर्चा होती है कि सुजाता ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर सौमित्र से शादी की थी. 2019 में जब सौमित्र बीजेपी में शामिल हुए तो सुजाता भी उनके साथ बीजेपी में चली गईं. दिलचस्प बात है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सुजाता मंडल ने अकेले दम पर सौमित्र का चुनाव अभियान संभाला था.

क्योंकि तब कोलकाता हाई कोर्ट ने सौमित्र खान के बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने यह आदेश उन पर नौकरी मांगने वाले उम्मीदवारों से धन वसूली करने के आरोपों के मामले में दिया था. क्योंकि सुजाता लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय थीं इसलिए सौमित्र के चुनाव क्षेत्र से बाहर होने के बाद भी जब उन्हें जीत मिली तो इसमें सुजाता का ही बड़ा हाथ माना गया था.

 2021 में टीएमसी में शामिल हुईं सुजाता

सुजाता और सौमित्र के रिश्ते तब खराब हुए जब सुजाता 2021 के पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी में शामिल हो गईं. सौमित्र इससे सदमे में आ गए और उन्होंने बाकायदा एक संवाददाता सम्मेलन में सुजाता से अलग होने की घोषणा की और तलाक मांगा. 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने सुजाता मंडल को आरामबाग विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन वह चुनाव हार गई थीं.

2022 में सुजाता और सौमित्र खान कानूनी रूप से अलग हो गए थे. इसके बाद सौमित्र खान ने परमिता रॉय चौधरी से शादी कर ली और सुजाता मंडल ने भी अपने नाम के पीछे से खान सरनेम को हटा लिया था. पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में उन्होंने सुजाता मंडल के नाम से ही चुनाव लड़ा.

इस बार सुजाता-सौमित्र आमने-सामने

टीएमसी ने जब बिष्णुपुर लोकसभा सीट से सुजाता को उम्मीदवार बनाया तो सुजाता ने कहा था कि यह उनके लिए अग्निपरीक्षा की तरह है. लेकिन उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि वह चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतेंगी. सौमित्र खान को 2014 में इस सीट से 1.20 लाख वोटों से जीत मिली थी. जबकि 2019 में यह आंकड़ा 78000 वोटों का रहा था.

ज़रूर पढ़ें