Lok Sabha Election: ‘चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने की कोशिश’, आखिर चुनाव आयोग ने क्यों दिया ऐसा बयान?

Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने दोहराया है कि मतदान के दिन सभी उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों के साथ फॉर्म 17सी के माध्यम से साझा किए गए वोटों के डेटा को कोई भी नहीं बदल सकता है.
Lok Sabha Election 2024

प्रतीकात्मक तस्वीर

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच वोटिंग प्रतिशत एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. इसमें सुधार की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव के बीच मैन पावर की कमी को देखते हुए चुनाव निकाय को कोई आदेश नहीं देंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और कोर्ट द्वारा दिए गए बयान को लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि एक पैटर्न के तहत चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

वोट प्रतिशत में संदेह पैदा होने के लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग ने सभी पूर्ण चरणों के लिए संसदीय निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाताओं और वोटर्स की कुल संख्या जारी कर रखी है. इसके चलते हर कोई आसानी से वोट प्रतिशत का पता लगा सकता है. आयोग ने कहा कि सारा डाटा पब्लिक डोमेन में है.

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“चुनावी प्रक्रिया में संदेह पैदा करने की कोशिश”

अपने बयान में चुनाव आयोग ने दोहराया है कि मतदान के दिन सभी उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों के साथ फॉर्म 17सी के माध्यम से साझा किए गए वोटों के डेटा को कोई भी नहीं बदल सकता है. सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास 543 मतदान केंद्रों में से प्रत्येक के लिए अलग-अलग फॉर्म 17सी होता है. आयोग ने याद दिलाया कि कुल मतदाता और मतदान के आंकड़े जारी करने में कोई भी देरी नहीं हुई है. संसदीय निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाता, मतदान के आंकड़े हमेशा उम्मीदवारों के पास उपलब्ध रहते हैं और आम नागरिकों के लिए वोटर टर्नआउट ऐप पर भी सारा डाटा शुरु से ही उपलब्ध रहा है.

आयोग ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने के लिए झूठे नेरेटिव और शरारती योजनाएं बनाना एक पैटर्न का हिस्सा है, जो कि आलोचनात्मक हैं. वहीं आज दिल्ली में लोकसभा चुनाव के तहत हो रही वोटिंग के दौरान वोट डालने पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बड़ा बयान दिया और कहा कि लगातार चुनावी प्रक्रिया में संदेह पैदा करने की कोशिश की जा रही है.

“अफवाह के कारण वोटिंग पर बुरा असर”

चुनाव आयोग और ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं याचिकाओं पर राजीव कुमार ने कहा कि संदेह का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है. एक दिन हम इसके बारे में सबको बताएंगे. हम बताएंगे कि लोगों को किस तरह से गुमराह किया जा रहा है, जिसके चलते वोटिंग पर बुरा असर पड़ रहा है. राजीव कुमार ने कहा कि लोगों को लगता है कि क्या ईवीएम सही भी हैं या नहीं. खुशी की बात है कि हर जगह मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है फिर चाहे वह ओडिशा हो पश्चिम बंगाल हो या फिर बिहार.

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