EVM-VVPAT मामले में SC के फैसले के बाद बोले भूपेश बघेल- शक दूर करने के लिए पर्ची का मिलान जरुरी
EVM-VVPAT: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 26 अप्रैल को EVM-VVPAT को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों की VVPAT से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी. अब इस पूरे मामले पर सियासत गरमा गई है. जहां एक ओर कई लोग इसे सही बता रहे हैं, तो वहीं कई लोग इस पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया दी.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन VVPAT का 100 फीसदी मिलान होना चाहिए. शक दूर करने के लिए पर्ची मिलान जरुरी है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने EVM-VVPAT को लेकर याचिक दाखिल की थी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष यह सुनवाई हुई थी. अब इसी मामले पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
बुधवार को VVPAT लेकर हुई थी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बता दें कि बीते बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(EVM) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल(VVPAT) के साथ अनिवार्य रूप से मिलान करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह चुनावों के लिए नियंत्रक प्राधिकारी नहीं है और एक संवैधानिक प्राधिकार, चुनाव आयोग के कामकाज को निर्देशित नहीं कर सकता है. हम चुनाव में दखल नहीं दे सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से मांगे थे स्पष्टीकरण
इससे पहले सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने आयोग से तीन से चार स्पष्टीकरण मांगे थे. उन्होंने पूछा था कि क्या माइक्रो कंट्रोलर कंट्रोलिंग यूनिट में होता है या फिर EVM में, सिंबल लेबल यूनिट कितनी हैं, चुनाव याचिका दाखिल करने की समय सीमा 30 दिन होती है तो EVM सहेजने की समय सीमा 45 दिन या कम होती है, चिप कहा रहती है, क्या चिप का एक बार ही इस्तेमाल होता है, ईवीएम और VVPAT क्या दोनों को मतदान के बाद सील किया जाता है?