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Lok Sabha Election: तीसरे चरण में भी घट सकता है वोटिंग परसेंटेंज, राजा-महाराज और शिवराज के सामने चुनौती, 10 साल पहले भी हुआ था ऐसा

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तीसरे चरण में भी घट सकता है वोटिंग परसेंटेंज, राजा-महाराज और शिवराज के सामने चुनौती, 10 साल पहले भी हुआ था ऐसा

MP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है. 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होने वाला है. इस चरण में मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 95 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होने वाला है. इस बीच मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के थर्ड फेज में भी वोटिंग परसेंटेंज घट सकता है. ऐसे में 10 साल पहले की तरह ही मतदान होने की आशंका जताई जा रही है. अब इसे लेकर तीसरे चरण में मजबूत उम्मीदवारों ने वोटिंग बढ़ाने पर फोकस कर दिया है. थर्ड फेस में राजा, महाराजा और शिवराज चुनावी मैदान में हैं. पहले और दूसरे चरण में वोटिंग घटने से चुनाव लड़ने वाले दिग्गज नेता भी तनाव में हैं.

साल 2019 बढ़ा था वोटिंग परसेंटेज

साल 2019 में वोटिंग परसेंट 9 लोकसभा सीटों पर काफी ज्यादा बढ़ा था, लेकिन साल 2014 की तरह ही इस बार भी वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है. भोपाल लोकसभा सीट के साथ ही अन्य लोकसभा सीटों पर भी प्रत्याशी एक्टिव हो गए हैं. वही सबसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के सामने टेंशन है. इसके पीछे का कारण है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वोटिंग परसेंटेज को लेकर चिंता जताई थी और मंत्रियों को यह तक कह दिया कि जिन मंत्रियों के इलाके में काम वोटिंग हुई, उनकी छुट्टी हो सकती है. चुनाव आयोग ने भी साल 2014 की तुलना में 2019 में वोट प्रतिशत बढ़ाने में सफलता पाई, लेकिन इस बार के इलेक्शन में 7 से 10% तक वोट घटा है. यह ठीक साल 2014 की तरह ही है कि 55 से लेकर 65% ही मतदान हुआ है.

शिवराज के बेटे कार्तिकेय ने लोगों से की अपील

वहीं विदिशा लोकसभा सीट पर प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान ने कहा कि यह चुनाव एकतरफा नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का वोट बैंक कायम है. कार्तिकेय BJP कार्यकर्ताओं को ओवर कॉन्फिडेंस से बचने के लिए साफ शब्दों में चेता भी रहे हैं. चौहान ने कहा, ‘कोई भी यह न सोचे कि चुनाव एकतरफा है. कांग्रेस का अपना वोट बैंक है. उनकी रीढ़ की हड्डी अब भी कायम है. कांग्रेस के वोट कहीं नहीं जा रहे. अति आत्मविश्वास में न रहें, यह हानिकारक साबित हो सकता है.’

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महाराजा के बेटे महाआर्यमान और पत्नी गांव में डटीं

दूसरी ओर ज्योतिरादित्य की पत्नी और बेटे महाआर्यमान भी ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा प्रचार कर रहे हैं. बेटे ने तो गांव में लोगों के साथ खेत में ट्रैक्टर चलाया. वहीं पत्नी ने रोटियां तक बेलते हुए नजर आई. सिंधिया सहित परिवार के अन्य सदस्य गांवों में ज्यादा सक्रिय है. ज्योतिरादित्य भी अशोकनगर और गुना के पिछड़े इलाकों में कैंप कर रहे हैं. माना जा रहा है कि पहले और दूसरे फेस के वोटिंग टर्न आउट परसेंट का नतीजा रहा है कि ग्रामीण वोटरों के बीच नेताओं को जाना पड़ रहा है.

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दिग्विजय सिंह न्याय पत्र से वोट करने की कर रहे अपील

वहीं दिग्विजय सिंह राजगढ़ में डटे हुए हैं. बेटे जयवर्धन से लेकर पौत्र भी प्रचार में उतर गए हैं और लगातार चुनावी प्रचार को धार दे रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने पैदल प्रचार कर जनता से संपर्क किया है. वहीं न्याय पत्र के जरिए जनता से वोट करने की भी अपील कर रहे हैं. यही नहीं 26 अप्रैल की वोटिंग के बाद दिग्विजय सिंह ने प्रचार का समय भी बढ़ा दिया है. सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक ग्रामीण इलाकों में चुनावी सभा कर रहे हैं.

साल 2014 और 2019 का वोटिंग प्रतिशत

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