Lok Sabha Election 2024: जातिगत समीकरणों में फंसी सतना संसदीय सीट, दिख रहा त्रिकोणीय मुकाबला, 26 अप्रैल को होगा मतदान

Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में पहले चरण के मतदान हो चुके हैं और अब दूसरे चरण के मतदान की तैयारी है. एमपी की 6 सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होने हैं. जिसमें विंध्य की सतना सीट भी शामिल है.
Lok Sabha Election 2024

जातीय समीकरणों में फंसी सतना सीट

Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में पहले चरण के मतदान हो चुके हैं और अब दूसरे चरण के मतदान की तैयारी है. एमपी की 6 सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होने हैं. जिसमें विंध्य की सतना सीट भी शामिल है. इस संसदीय सीट में रोचक मुकाबला हो रहा है क्योंकि इस सीट पर दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने ताकत लगाई है. सतना और मैहर जिला मिलकर बनी लोकसभा सीट में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का दौरा हो चुका है.

यहां सभी पार्टियों के नेताओं की लगातार रैलियां हुई है. हालांकि यहां मुकाबला सीर्फ बीजेपी और कांग्रेस का नहीं बल्कि तीसरा मोर्चा मध्य प्रदेश की मजबूत तीसरी पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में बराबर की टक्कर देने वाली है.

सतना संसदीय सीट के जातिगत समीकरण

सतना सीट पर 17 लाख 7 हजार 71 मतदाता हैं. यहां सबसे ज्यादा संख्या ब्राम्हण वोटर्स की है. इसके बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोटर हैं. कांग्रेस इस सीट पर अबतक क्षत्रिय प्रत्याशी या फिर ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देते आई है. लेकिन इस बार 28 साल बाद कांग्रेस ने सतना में ओबीसी चेहरे को टिकट दिया है. 1996 में बीजेपी ने यहां कब्जा जमाया जो अभी तक कायम है.

2011 की जनगणना के अनुसार, सतना की कुल जनसंख्या 2,80,222 थी, जिसमें 147,874 पुरुष और 132,348 महिलाएं हैं और इसकी साक्षरता दर 84.8% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 90.1% और महिला साक्षरता दर 78.9% है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 38,978 और 9,381 है.

काफी अहम है जातीय गणित

यह ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां जातीय गणित काफी अहम है. यहां ब्राह्मणों के साथ पिछड़े वर्ग के मतदाता भी अधिक है और निर्णायक भी, यही कारण है कि जातीय गणित को ध्यान में रखकर तीनों ही दलों ने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. गणेश सिंह का नाता कुर्मी समाज से जिनकी संख्या 1 लाख से ज्यादा है, तो सिद्धार्थ कुशवाहा का कुशवाहा जिनकी संख्या 1 लाख 25 हजार के आस पास है और नारायण त्रिपाठी का ब्राह्मण वर्ग से हैं. जिसमें ब्राह्मण की संख्या सबसे ज्यादा है.

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बीजेपी-कांग्रेस और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला

विंध्य इलाके की सतना संसदीय सीट त्रिकोणीय मुकाबले में जिस तरह उलझ गई है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच हो रहे मुकाबले को बसपा ने त्रिकोणीय बना दिया है. क्योंकी बीएसपी से ब्राह्मण उम्मीदवार पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी चुनावी मैदान पर है तो वहीं सतना लोकसभा सीट से भाजपा ने पांचवीं बार गणेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को मौका दिया है.

इतिहास में बीजेपी के लिए मजबूत सीट रही है सतना लोकसभा

सतना संसदीय क्षेत्र के इतिहास पर गौर करें तो यहां अब तक 15 लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिनमें भाजपा ने नौ बार जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार पांच बार निर्वाचित हुए. एक बार बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली है. जो वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा के पिता सुखलाल कुशवाहा को मिली थी. हालांकि पिछले दिनों राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सतना से गणेश सिंह को मैदान में उतारा था और उनका मुकाबला कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा से हुआ था. इस चुनाव में सिद्धार्थ कुशवाहा ने भाजपा उम्मीदवार गणेश सिंह को शिकस्त दी थी. एक बार फिर दोनों उम्मीदवार आमने-सामने हैं और पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस मुकाबले को पूरी तरह त्रिकोणीय बना दिया है.

कांग्रेस और भाजपा के अलग-अलग मुद्दे

भाजपा इस चुनाव में मोदी की गारंटी के आधार पर प्रचार को धारदार बनाए हुए है, वहीं कांग्रेस लगातार महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाए हुए है, साथ ही गणेश सिंह की निष्क्रियता भी जोर-शोर से उठा रही है. वहीं बसपा उम्मीदवार दोनों ही दलों को घेरने में लगे हुए बीएसपी उम्मीदवार का कहना है कि वह कांग्रेस और बीजेपी में दोनों ही दलों पर रहे हैं और दोनों ही की दालों की रीति से पूरी तरह वाकिफ है.

राज्य के विंध्य इलाके में लोकसभा की चार सीटें

राज्य के विंध्य इलाके में लोकसभा की चार सीटें आती हैं. वर्ष 2019 के चुनाव में सभी स्थानों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. पहले चरण में इस इलाके की शहडोल और सीधी संसदीय सीट पर मतदान हो चुका है. हालांकि मतदान प्रतिशत 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम रहा है और प्रशासन अब बची हुई सीटों पर होने वाले मतदान में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कवायद में लगा हुआ है. जिसमें दूसरे चरण में 26 अप्रैल को रीवा और सतना में मतदान होने वाला है.

सतना की 7 सीटों पर पांच पर बीजेपी का है कब्जा

सतना संसदीय क्षेत्र में सतना और मैहर जिला मिलकर विधानसभा की सात सीटें आती हैं. जिनमें से पांच पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है. बीजेपी के पास रामपुर , नागौध, चित्रकूट, रैगाव,मैहर है. वहीं कांग्रेस के पास अमरपाटन ,सतना केवल दो विधानसभा की सीटें हैं. जिसमें सतना विधानसभा सीट से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ही विधायक है जिन्होंने वर्तमान भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह को विधानसभा में चुनाव हराया था जिसके कारण यह विधानसभा की सीट और भी रोचक हो गई है.

कांग्रेस को सतना लोकसभा सीट से बड़ी उम्मीद

सतना लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी की भी उम्मीदें लगी हुई है क्योंकि वर्तमान भाजपा प्रत्याशी और कांग्रेस प्रत्याशी विधानसभा चुनाव में भी आमने-सामने रहे हैं. जिसमें कांग्रेस पार्टी के सिद्धार्थ कुशवाहा को जीत मिली थी, जिसके कारण और जातिगत समीकरण के चलते कांग्रेस पार्टी की उम्मीदें सतना लोकसभा सीट पर पूरे विंध्य में सबसे ज्यादा बनी हुई है.

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