Jabalpur News: जबलपुर शहर की सड़कों पर जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी. जबलपुर के लिए कुल 200 ई-बसों को मंजूरी मिल चुकी है. पहले चरण में 100 ई-बसें चलाने की योजना बनाई गई है. केंद्र सरकार ने इन 100 ई-बसों के टेंडर को भी मंजूरी दे दी है. वहीं, प्रशासन बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी में जुट गया है ताकि बसों के संचालन में कोई दिक्कत न आए. नए साल के शुरुआती महीनों से इन ई-बसों को सड़कों पर उतारने की योजना बनाई जा रही है.
8 प्रमुख नगर निगमों में चलेगी ई-बसें
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के शहरी परिवहन और पर्यावरण को अनुकूल बनाने का निर्णय लिया है. केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालया ने प्रदेश के आठ प्रमुख नगर निगमों को कुल 972 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को मंजूरी दे दी है. इन बसों के संचालन से पर्यावरण में होने वाले पेट्रोल डीजल के प्रदूषण को कम किया जाएगा. केंद्र ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, देवास, और सतना नगर निगमों को ई-बसों के संचालन की मंजूदी दी है.
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प्रदेश सरकार ने नगर निगमों को दिए डिपो बनाने के निर्देश
केंद्र से मंजूरी के बाद प्रमुख नगर निगमों में 972 ई-बसाें का संचालन होगा. जिसमें भोपाल को 195, इंदौर को 270, ग्वालियर को 100, जबलपुर को 200, उज्जैन को 100, सागर को 32, देवास को 55, और सतना को 20 बसें आवंटित की गई हैं. बसाें को मिली मंजूरी के बाद प्रदेश सरकार ने सभी प्रमुख नगर निगमों को बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन से संबंधित आवश्यक ढ़ांचा बनाने के लिए निमार्ण कार्य को जल्दी पूरा करने के निर्देश दे दिए हैं. इन सभी डिपो पर नगर निगम द्वार परिचालन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
बता दें कि इस परियोजना में होने वाला खर्च केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही संयुक्त रूप से वहन करेंगे. नगर निगमों में ढांचा निर्माण के लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि प्रदान करेगी. वहीं चार्जिंग पॉइंट्स के निर्माण पर केंद्र सरकार 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता देगी.
