MP News: एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रतिबंध के बावजूद भी मांगुर मछली का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है. जबलपुर मत्स्य पालन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल से जबलपुर लाई जा रही लगभग 8000 मांगुर मछली के बच्चों को जब्त कर नष्ट कर दिया. मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित मछली के बच्चे ट्रेन के माध्यम से जबलपुर लाए जा रहे हैं.
8000 मछलियों को नष्ट किया गया
टीम ने सक्रियता दिखाते हुए गाड़ी को स्टेशन के पास रोका और तीन कंटेनरों में लाए गए लगभग 8000 मछली के बच्चों को जब्त कर लिया. इन मछलियों को गोकलपुर स्थित शासकीय परिक्षेत्र में ले जाकर गड्ढा खोदकर नष्ट कर दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि इस मामले पर जांच पड़ताल जारी है और मांगुर मछली का कारोबार करने वालों को जल्द ही पकड़ा जाएगा.
थाईलैंड मांगुर मछली गंदे पानी में जीवित रह सकती है
गौरतलब है कि थाईलैंड मांगुर मछली का कारोबार करने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण इससे होने वाला भारी मुनाफा है. यह मछली किसी भी तरह के पानी में, यहां तक कि बेहद प्रदूषित और गंदे पानी में भी आसानी से जीवित रह सकती है और बहुत तेजी से बढ़ती है. कम लागत और कम समय में अधिक उपज मिलने के कारण इसका पालन एक बड़ा व्यापार बन गया है.
यह मछली एक आक्रामक प्रजाति की है
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थाईलैंड मांगुर मछली एक अत्यंत आक्रामक और मांसाहारी प्रजाति है. यह अन्य मछलियों, यहां तक कि स्थानीय प्रजातियों को भी खा जाती है, जिससे जलीय जैव विविधता को गंभीर खतरा होता है. यही वजह है कि NGT ने इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. सरकार का सख्त निर्देश है कि जहां भी इस तरह की प्रतिबंधित मछलियां पाई जाती हैं, उन्हें तुरंत नष्ट कर दिया जाए, ताकि हमारे जल निकायों को सुरक्षित रखा जा सके.
