MP News: मध्य प्रदेश के मौजूद डीजीपी के रिटायरमेंट परेड को लेकर एक नया विवाद सामने आ गया है. डीजीपी सुधीर सक्सेना के बैचमेट डीजी शैलेश सिंह ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. डीजीपी सुधीर सक्सेना के विदाई समारोह में सलामी परेड नहीं होने को लेकर पत्र लिखा है.
पीएचक्यू के सभी जोन, रेंज आईजी को पत्र जारी किया गया है. स्पेशल डीजे शैलेश सिंह ने पत्र में साल 2007 में सलामी परेड समाप्त होने का हवाला दिया है. पत्र में साल 2007 में कहा गया कि मुख्यमंत्री से लेकर सभी अधिकारियों की सलामी परेड समाप्त की गई है. साल 2007 में समाप्त की गई सलामी परेड में जिक्र किया गया है कि भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री को भी सलामी परेड आउट नहीं होगी. सिर्फ कानून व्यवस्था मजबूत रहे. पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में रहते हुए इस तरह के नियमों का उल्लंघन है.
यह प्रथा अंग्रेजों की याद दिलाते हुए कोलोनिज्म रूल्स को दर्शाता है
स्पेशल डीजी शैलेश सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह प्रथा अंग्रेजों की याद दिलाते हुए कॉलोनिज्म रूल्स को दर्शाता है. सिंह ने कहा कि यदि रिटायरमेंट विदाई के दौरान सलामी परेड की जाती है तो शासन के नियमों का उल्लंघन होगा और अधीनस्थ कर्मचारियों का गलत प्रभाव पड़ेगा. बता दें कि डीजीपी सुधीर सक्सेना का कल विदाई समारोह है और इस विदाई समारोह में उनकी बेटी सोनाक्षी सक्सेना पिता को सलामी देंगी.
पहले भी डीजीपी का रिटायरमेंट में होती है परेड और शामिल होते हैं अधिकारी
मध्य प्रदेश सहित देशभर के कई सैन्य बल में परंपरा है कि सेवा प्रमुख या फिर डीजीपी रिटायर होता है, तो उन्हें सम्मान के साथ सलामी देते हुए विदाई दी जाती है लेकिन मध्य प्रदेश में डीजीपी के परेड में सुधीर सक्सेना के ही बैचमेट शैलेश सिंह रोड़ा बन गए हैं. आर्मी, सीआरपीएफ, बीएसएफ सहित कई और भी सुरक्षा एजेंसी में परेड की परंपरा रही है.
यह भी पढ़ें: Ujjain News: बिन बुलाए मेहमान बनकर मंच पर पहुंचे पूर्व विधायक, कार्यकर्ताओं के साथ हो गई मारपीट