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MP News: 15 अगस्त और 26 जनवरी के अलावा पंद्रह नवंबर को भी सेंट्रल जेल के कैदी रिहा होंगे, प्रदेश भर से 32 बंदियों की होगी रिहाई

Symbolic picture.

सांकेतिक तस्वीर.

MP News: अब मध्य प्रदेश में 15 अगस्त और 26 जनवरी के अलावा 15 नवंबर को भी सेंट्रल जेल के कैदियों को रिहा किया जाएगा. प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है. जिसके तहत जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल समेत प्रदेश भर की सेंट्रल जेलों से कुल 32 कैदियों को रिहा किया जा रहा है. रिहा होने वाले बंदियों में 9 आदिवासी बंदी भी शामिल हैं. यह रिहाई मध्यप्रदेश शासन की उस नई पहल के तहत की जा रही है, जिसके अंतर्गत अच्छे आचरण वाले बंदियों को विशेष अवसरों पर सजा में छूट देकर मुक्त किया जाता है.

बिरसा मुंडा की जयंती पर सरकार ने लिया फैसला

15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाती है. इसी अवसर पर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब हर साल 15 नवंबर को भी अच्छे आचरण वाले बंदियों को रिहा किया जाएगा. इससे पहले केवल स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती और डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर बंदियों की रिहाई की परंपरा थी. प्रदेश सरकार की इस पहल से मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां साल में 5 अवसरों पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को अच्छे आचरण के आधार पर रिहाई का अवसर मिलेगा.

7 नवंबर को शासन ने जारी किया था आदेश

शासन के जेल विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश 7 नवंबर को जारी किए गए थे. जेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिन बंदियों का आचरण जेल में अनुकरणीय पाया गया है और जिन्होंने सजा का अधिकांश भाग पूरा कर लिया है, उन्हें कानून के प्रावधानों के अनुसार छूट का लाभ दिया जाएगा. इस निर्णय का मकसद बंदियों में सुधार की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में पुनः जोड़ने का अवसर देना है. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर होने वाली यह रिहाई न केवल जनजातीय गौरव दिवस के सम्मान को दर्शाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि सुधार और अनुशासन के मार्ग पर चलने वालों के लिए सजा से मुक्ति का द्वार खुला है.

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