Gujari Mahal: अमर प्रेम की दास्तान ग्वालियर का ‘गुजरी महल’, जानें रानी मृगनयनी की किन शर्तों के आगे हार गए थे राजा मानसिंह
Gujari Mahal: कहते हैं कि जिस पर भी प्यार का रंग चढ़ जाए तो हर रंग फीका नजर आने लगता है. प्यार का एहसास होता ही है इतना खास. आज के दौर में प्यार के दिन को मनाने के लिए एक विशेष दिन का इंतजार करना पड़ता है. जैसे की वैलेंटाइन डे.. लेकिन क्या आपको पता है कि इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो, तब ऐसी परंपराएं नहीं हुआ करती थी, लेकिन लोग तब भी प्यार करते थे और निभाते थे.
खूबसूरती की इमारत
आज हम आपको बताने जा रहे हैं 14वीं और 15वीं शताब्दी की एक ऐसी प्रेम कहानी के बारे में जो अद्भुत और अनोखी है. ये कहानी है ग्वालियर किले की. देश के सबसे खूबसूरत किले पर गूजरी महल स्थित है. इस खूबसूरत गुजरी महल को राजा मानसिंह ने अपने प्यार को पाने के लिए बनवाया था, जिसमें उन्होने अपनी प्रेमिका की खूबसूरती को बयां करते हुए बनवाया है. कहा जाता है कि गुजरी महल की सुंदरता से गुजरी रानी की खूबसूरती का अंदाजा लगाया जा सकता है. आज भी गुजरी महल के दीदार के लिए देशभर से हजारों प्रेमी जोड़े और पर्यटक आते हैं.
क्या है कहानी?
दरअसल एक बार ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर शिकार करने के लिए निकले थे. उस दौरान शिकार करते वक्त उनकी नजर गुजरी रानी मृगनयनी पर पड़ी. रानी मृगनयनी एक बच्चे को बचाने के लिए दो भैंसों के साथ भीड़ गई और बच्चो को बचा लिया. राजा मान सिंह उनकी वीरता और खूबसूरती को देखकर कायल हो गए. ये यहीं खत्म नहीं हुआ. राजा मानसिंह तोमर को सपने में भी रानी मृगनयनी की खूबसूरती दिखाई देने लगी, जिसके बाद राजा ने रानी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. लेकिन राजा के प्रस्ताव को मानने से पहले रानी मृगनयनी ने राजा तोमर के सामने शर्ते रख दी.
क्या थी वो शर्तेंं
रानी मृगनयनी ने राजा मानसिह तोमर के सामने चार शर्तें रखी, जिसे मानने के बाद ही रानी शादी के लिए हां कहतीं. शर्तों के मुताबिक, पहली शर्त थी कि शादी के बाद महल में उनके लिए एक अलग से महल बनवाया जाए. वहीं दूसरी शर्त के मुताबिक उनके लिए पीने का पानी उनके गांव राई से नदी का पानी महल तक लाया जाए. वहीं तीसरी शर्त के मुताबिक रानी युद्ध के वक्त राजा के साथ हमेशा रहेंगी. वहीं चौथी और आखिरी शर्त रानी ने राजा के सामने रखी थी की वह कभी भी पर्दा नहीं करेंगी.
प्यार में दीवाने थे राजा
राजा मान सिंह तोमर रानी मृगनयनी के प्यार में दीवाने थे और वह अनने प्यार को पाना चाहते थे. जिसके लिए राजा ने रानी की सभी शर्तो को स्वीकार कर लिया. राजा ने रानी गूजरी के लिए अलग से महल बनवाया. इतना ही नहीं रानी की दूसरी शर्त के मुताबिक राई गांव से गूजरी तक लगभग 16 मील लंबी मिट्टी की पाइपलाइन बिछाकर सांक नदी का पानी गूजरी महर तक लाया गाया. वहीं तीसरी शर्त के मुताबिक राजा रानी को अपने साथ हर युद्ध पर भी ले जानी लगे. रानी राजा के साथ कंधे से कंधे मिलाकर युद्ध में जाया करतीं थी. हालांकि इसका काफी विरोध हुआ. लेकिन राजा को किसी भी विरोध का असर नहीं हुआ. और उन्होने रानी की सभी शर्तों को पूरा कर दिया.
आज भी देते हैं मिसाल
राजा मान सिंह तोमर के प्यार और गुजरी महल की मिसाल आज भी दी जाती है. राजा रानी ने शादी के बाद भी अपना जीवन प्रेमी और प्रेमिका की तरह जिया. भले ही आज गूजरी महल संग्रहालय में तब्दील हो गया हो. लेकिन महल के कोने-कोने में प्रेम की अनोखी दास्तान राजा मान सिंह के प्यार को दर्शाती है. यहां आने वाले पर्यटक इस अमर प्रेम की निशानी को देख प्रसन्न हो जाते हैं.