MP News: पड़ोसी देशों से आने वाले घुसपैठिए भारत के लिए हमेशा से एक बड़ी समस्या बने हुए हैं. इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार नए कानून ला रही है. इसके बावजूद भी ऐसे लोग भारत के कई शहरों में अपनी पैंठ जमा रहे हैं. जबलपुर घुसपैठियों के लिए पसंदीदा शहर बनता जा रहा हैं. बीते कुछ महीनों में बड़ी संख्या में इन घुसपैठियों को पकड़ा गया है. इसमें बांग्लादेश, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के नागरिक शामिल हैं. भारत में सालों से रह रहे इन घुसपैठियों के पास से पासपोर्ट, आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज पकड़े गए हैं, जो फर्जी दस्तावेज के जरिए बनवाए गए थे.
पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया अफगानी नागरिक
एंटी टेररिस्ट एस्कॉट (ATS) ने बीते दिन जबलपुर में एक अफगानी युवक को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने बताया कि सोहबत खान नाम का एक युवक साल 2015 में अफगानिस्तान से जबलपुर में घुस आया था. उसने पहले ड्राइविंग लाइसेंस और फिर साल 2020 में भारतीय पासपोर्ट भी बनवाया था. अफगानी युवक ने पुलिस वेरिफिकेशन, दस्तावेज तैयार करने और पोस्ट ऑफिस से पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए बड़ी मात्रा में राशि का लेनदेन किया था. एटीएस को अभी तक दस लाख रुपये के लेनदेन की जानकारी प्राप्त हुई है.
एटीएस ने आगे बताया कि जबलपुर से देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले 20 अफगानी युवकों के पासपोर्ट बनाने के प्रयास किए गए हैं. अफगानी युवक के अलावा वन आरक्षक दिनेश गर्ग और महेंद्र कुमार को भी गिरफ्तार किया है. दोनों आरक्षकों को फर्जी तरीके से पासपोर्ट तैयार करने में सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अफगानिस्तान से आया है यहां आकर उसने शादी भी की और परिवार बसाया सोहबत जबलपुर में रहकर कपड़े का व्यापार करता था.
एटीएस ने युवक से की पूछताछ
सोहबत से हुई पूछताछ के बाद एटीएस ने अकबर और मोहम्मद इकबाल नाम के दो और अफगानी युवकों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है. अकबर करीब 20 वर्ष पहले अफगानिस्तान से भारत आया था और बंगाल में रह रहा था. रविवार को एटीएस का दल अकबर को लेकर कोलकाता से जबलपुर पहुंचा था और न्यायालय के निर्देश के बाद उसे केंद्रीय जेल भेज दिया गया है.
बीते महीनाें में 3 से ज्यादा घुसपैठिए गिरफ्तार
जबलपुर में पिछले कुछ महीनो में ही पड़ोसी देशों के कई नागरिक पकड़े गए हैं.
पहला मामला: 11 जुलाई को दिल्ली एयरपोर्ट में चेकिंग के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने दीपक थापा नाम के नेपाली युवक (दीपक थापा, 39 साल) को पकड़ा था. ये शख्स पवित्रा अपार्टमेंट, सिविल लाइन, जबलपुर में काफी लंबे समय से रह रहा था. दीपक ने न केवल फर्जी पासपोर्ट बनवाया, बल्कि 2018 में कैंट विधानसभा की मतदाता सूची में भी अपना नाम जुड़वाया था. सुरक्षा एजेंसियों ने जांच के बाद जिला प्रशासन को सूचना दी. जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर सिविल लाइन थाने में युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
दूसरा मामला: वहीं बांग्लादेश के बागुड़ा जिले का रहने वाला एक 23 वर्षीय युवक भी जबलपुर के आर्मी एरिया में संदिग्ध गतिविधियां करते पकड़ा गया था. युवक का नाम रहमत अली बताया जा रहा है. पूछताछ में युवक ने बंगाली भाषा में बताया कि वह अकेला ही भारत नहीं आया है बल्कि उसके साथ 9 और लोग बांग्लादेश से भारत आए हैं.
तीसरा मामला: जबलपुर में नाइजीरिया से आया एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. युवक पर मेट्रोमोनियल साइट के जरिए फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा था. नाइजीरिया के रहने वाले जॉन अंबारी उर्फ ब्राउन को स्टेट साइबर सेल ने मेट्रोमोनियल फ्रॉड करने के आरोप में हिरासत में लिया था. इसी तरह सिविल लाइन थाना क्षेत्र में भी पुलिस चेकिंग के दौरान एक नाइजीरिया युवक के पास 10 लाख रुपए नगद मिले थे. युवक टूरिस्ट वीजा पर जबलपुर पहुंचा था लेकिन वापस नाइजीरिया नहीं गया.
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घुसपैठियों ने बढ़ाई पुलिस की चिंता
पड़ोसी देशों से आने वाले इन घुसपैठियों ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है. यह भारत में आ तो जाते हैं लेकिन भारत से वापस अपने मुल्क नहीं लौटते हैं. बांग्लादेश, नेपाल और अफगानिस्तान के लोग आसानी से भारतीयों के साथ घुल मिल जाते हैं. ऐसे में इन लोगों तक पुलिस का पहुंच पाना भी बड़ी चुनौती बना हुआ है. पुलिस आम जनता से अपील कर रही है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को अगर वह देखते हैं तो जल्द से जल्द पुलिस को सूचित करें.
