Jabalpur News: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offence Wing) ने जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा कर सरकार को चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. लगभग 34 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के सबूत मिले हैं. EOW ने इस घोटाले के मास्टरमाइंड विनोद कुमार सहाय को झारखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार किया है. आरोपी को शुक्रवार यानी 27 जून को जबलपुर जिला कोर्ट में पेश किया गया. उसे 2 जुलाई तक रिमांड पर भेजा गया है.
घोटाला करने के लिए बनाई फर्जी कंपनियां
आरोपियों ने जीएसटी में इनपुट क्रेडिट घोटाला करने के लिए फर्जी कंपनियां बनाई. इंदौर, भोपाल और जबलपुर में लोगों को कर्ज का झांसा देकर उनके डॉक्यूमेंट लेकर उनके ही नाम से नाम से फेक कंपनियां खड़ी कीं. आरोपियों ने मुख्य फर्जी फर्म तथा 9 सहायक फर्जी फर्म तैयार की थी, जिससे वे घोटाले को अंजाम दे रहे थे.
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
जबलपुर के रहने वाले प्रताप सिंह लोधी ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई थी कि लोन का झांसा देकर आरोपियों ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, बैंक खाता स्टेटमेंट, कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज लिये थे. इन्हीं दस्तावेजों के सहारे आरोपियों ने घोटाले को अंजाम दिया. इसके साथ ही दीनदयाल लोधी, रविकांत सिंह, और नीलेश पटेल ने भी शिकायत दर्ज कराई.
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इन फर्म के नाम आए सामने
इस घोटाले में जिन फर्मों के नाम सामने आए हैं, उनमें मेसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स, मेसर्स नमामि ट्रेडर्स, मेसर्स मां रेखा ट्रेडर्स तथा मेसर्स अभिजीत ट्रेडर्स नाम से फर्जी फर्म बनाई थीं. इसके अलावा दिलीप ट्रेडर्स, अंकिता स्टील एंड कोलर, जगदम्बा कोल कैरियर्स, कोराज टेक्निक्स, महामाया ट्रेडर्स, अंबर कोल डिपो, अनम ट्रेडर्स, विनोद सहाय स्वयं सिटरोन मिनरल्स प्रा.लि., गेरिसन कॉल प्रा.लि., आर्या कोल ट्रेडिंग प्रा.लि., वी. के. मिनरल्स प्रा.लि. और जे.एम.एस.डी. आलॉप्स प्रा. लि. फर्म के नाम सामने आये है.
