Jabalpur: मध्य प्रदेश में एक बार फिर ‘घोटाले’ की ऐसी खबर सामने आई है, जो आपको चौंका देगी. अब तक आपने सड़क निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की बहुत खबरें देखीं होगी, लेकिन जबलपुर से जो मामला सामने आया है वह वाकई हैरान कर देने वाला है. यहां 40 लाख रुपए की लागत से बनी सड़क 40 दिन भी नहीं चल पाई. यह सड़क पहली बारिश की मार भी नहीं झेल पाई. सड़क का डामर और गिट्टी दोनों अलग-अलग हो गए.
40 दिन भी नहीं चली सड़क
जबलपुर शहर के घमापुर चौराहे से लेकर लकड़गंज तक करीब 1 किलोमीटर की सड़क का निर्माण कराया गया था. यह निर्माण महज 30 दिन पहले ही पूरा हुआ है. मदन मोहन मालवीय वार्ड और महर्षि अरविंद वार्ड को जोड़ने वाली इस सड़क के निर्माण का भूमि पूजन 7 जून को किया गया था, जिसमें महापौर जगत बहादुर अनु, MIC सदस्य विवेक सोनकर समेत कई अधिकारी मौजूद थे. दो दिन में ही करीब 40 लाख रुपए की लागत से तैयार एक किलोमीटर लंबी सड़क का डामरीकरण कर दिया गया था.
गिट्टी और डामर अलग
करीब 13 साल बाद सड़क का निर्माण हुआ तो रहवासी भी खुश हो गए, लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि नई नवेली सड़क चंद दिनों की ही मेहमान होगी. सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. डामरीकरण इतना घटिया स्तर का किया गया है कि सड़क का डामर अलग और गिट्टी अलग हो गई हैं. हालात यह बन गए हैं कि हाथ से ही निकलने पर सड़क की गिट्टी बाहर आ रही है.
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इधर सड़क के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष ने भी नगर सत्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पार्षदों के साथ मिलकर घटिया सड़क निर्माण के मुद्दे पर पदयात्रा निकाली. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि नगर निगम में कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है, जिसका नतीजा यह है कि 40 लाख की सड़क 40 दिन भी नहीं चल पाई.
वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सड़क की क्वालिटी की जांच-पड़ताल की जाएगी और ठेकेदार की लापरवाही सामने आती है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि ठेकेदार को भी सड़क निर्माण की राशि नहीं दी गई है. लिहाजा फिर से सुधार कराया जाएगा.
