IAS Santosh Verma: मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के ब्राह्मण समाज को लेकर दिए बयान के बाद विरोध हो रहा है. वहीं अब आदिवासी संगठन जयस आईएएस संतोष वर्मा के समर्थन में उतर आया है. इंदौर में जयस कार्यकर्ताओं ने ब्राह्मण टंट्या भील चौराहा से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला.
IAS के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
इंदौर में IAS संतोष वर्मा के समर्थन में आदिवासी संगठन जयस ने बड़ा प्रदर्शन किया. संगठन के कार्यकर्ता ब्राह्मण टंट्या भील चौराहे से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जयस ने आरोप लगाया कि आईएएस वर्मा के रोटी-बेटी संबंधी बयान को बिना समझे तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है.
‘संतोष वर्मा ने सामाजिक समरसता का उदाहरण दिया’
रविवार को जयस कार्यकर्ता हाथों में बैनर-पोस्टर लिए सड़क पर उतरे और IAS संतोष वर्मा के समर्थन में नारे लगाए. जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि वर्मा ने सामाजिक समरसता का उदाहरण देते हुए सिर्फ रोटी-बेटी व्यवहार की बात कही थी, उनके बयान से किसी भी समाज की बहन-बेटियों का अपमान नहीं हुआ, बल्कि सामाजिक सद्भाव की दिशा में दिया बयान था.
‘IAS के समर्थन में चरणबद्ध आंदोलन करेंगे’
मुजाल्दा ने कहा कि वर्मा का आशय था कि जब तक ऊंची और निम्न जातियों के बीच रोटी-बेटी यानी सामाजिक और वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं होते, तब तक आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करने की बात उचित नहीं है. इसलिए वर्तमान आरक्षण व्यवस्था जैसी है, वैसी ही बनाए रखी जाए. जयस नेताओं ने बताया कि संतोष वर्मा के समर्थन में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज मिलकर चरणबद्ध आंदोलन करेगा. इसी क्रम में इंदौर में पैदल मार्च निकालकर ज्ञापन सौंपा गया. जयस नेताओं ने कहा कि जयस किसी भी निष्पक्ष और संवैधानिक अधिकारी के साथ अन्याय नहीं होने देगा.
IAS के बयान के बाद शुरू हुआ विवाद
23 नवंबर को अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन हुआ था. आईएएस संतोष वर्मा ने इस अधिवेशन को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण
अपनी बेटी दान ना दे दे, या फिर उसके साथ संबंध ना बना ले. तब तक आरक्षण नहीं रोका जाना चाहिए.’
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