भोपाल: मध्य प्रदेश में कोई छूटे ना इस मुहिम के तहत बीजेपी ने ज्वाइनिंग अभियान चलाया है. बीजेपी की ज्वाइनिंग टोली ने कमाल ही कर दिया है. 75 दिनों के अंदर 7500 कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए हैं. यानी कि हर दिन 100 से अधिक नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया है.
भाजपा में शामिल होने वालों में पार्षद, महापौर, पूर्व विधायक से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री भी हैं. हालांकि बड़ी संख्या में भाजपा में कांग्रेसियों को शामिल कराने का सिलसिला थम नहीं रहा है. खास बात है कि अधिकांश नेता कांग्रेस छोड़ने के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए हैं, कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के ऊपर कई आरोप भी लगाए हैं, उनका कहना है कि कांग्रेस कमजोर संगठन, भेदभाव, अनदेखी, पक्षपात कर रही है, कई नेताओं ने सीनियर नेताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. वहीं अधिकांश नेताओं ने कहा कि वो राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा का न्योता ठुकाराने से आहत हुए हैं. बीजेपी ने 1 जनवरी से ज्वाइनिंग अभियान शुरू किया है. इसकी जिम्मेदारी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को सौंपी गई है. साथ ही पूर्व मंत्री संजय पाठक को सह संयोजक बनाया है.
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बैरियर में फंसे जोशी, दीपक की एंट्री रुकी
पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित पूर्व विधायकों के अलावा कई कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल हुए थे. आसार थे कि पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे भाजपा में फिर से शामिल हो सकते हैं. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दीपक जोशी को बीजेपी में दोबारा एंट्री दिलाना चाहते थे लेकिन गाइनलाइन के चलते जोशी भाजपा में शामिल नहीं हो सके. दीपक कांग्रेस में शामिल होने के दौरान तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाए थे. जबकि भाजपा ने गाइडलाइन तय की है कि वो नेता जिसने पीएम, सीएम, संगठन और बीजेपी नेताओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी की है. उन्हें शामिल नहीं कराया जाएगा.
विंध्य के अलावा हर क्षेत्र से नेता हुए ज्वाइन
ज्वाइनिंग करने वाले नेताओं में सभी प्रदेश के क्षेत्र के नेता भाजपा में सदस्यता ले चुके हैं. मालवा, बुंदेलखंड, चंबल, महाकौशल, नर्मदापुरम संभाग के अधिकांश कांग्रेस के नेता हैं. खास बात है कि विंध्य से कोई कांग्रेस का बड़ा चेहरा शामिल नहीं हुआ है, भाजपा कोशिश कर रही है कि रीवा के महापौर को भाजपा में शामिल कराया जाए.