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Madhya Pradesh: MP में IAS को कोर्ट से आए दिन फटकार; उमरिया कलेक्टर पर लगाया 25 हजार का जुर्माना, जानिए अदालत ने और कब नाराजगी दिखाई

Madhya Pradesh High Court constantly reprimanding IAS

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उमरिया कलेक्टर को फटकार लगाई है. पिछले कुछ दिनों में आए दिन IAS को कोर्ट से फटकार मिल रही है.

MP HIGH COURT: मध्य प्रदेश में इस समय कलेक्टरों को आए दिन जिला अदालत और हाईकोर्ट से फटकार मिल रही है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उमरिया कलेक्टर पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने महिला के खिलाफ की गई जिलाबदर की कार्रवाई को भी रद्द कर दिया है.

विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला

उमरिया निवासी माधुरी तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. माधुरी ने कोर्ट ने बताया, ‘मेरे खिलाफ साधारण धाराओं में 6 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इसमें मारपीट और 2 NDPS एक्ट के तहत मामला शामिल है. इसके बावजूद कलेक्टर ने मेरे खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की.’

इसके बाद मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने पाया कि कलेक्टर ने एसएसओ मदन लाल मरावी के बयान के आधार पर महिला के खिलाफ जिलाबदर का आदेश पारित किया है. कोर्ट को बताया गया कि महिला के पास कोई भी प्रतिबंधित पदार्थ नहीं मिला था.

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हाईकोर्ट ने कमिश्नर को भी लगाई फटकार

जिलाबदर की कार्रवाई के बाद महिला ने कमिश्नर के पास भी अपील की थी. लेकिन कमिश्नर ने कोई सुनवाई नहीं की. इसको लेकर हाईकोर्ट ने कहा, ‘महिला ने कमिश्नर से अपील की लेकिन कमिश्नर ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया.’ कोर्ट ने कमिश्नर से कहा कि सिर्फ डाक पर मोहर लगाने का काम कर रहे हो.

इसके पहले इन अधिकारियों को लगाई फटकार

भिंड में लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर को लताड़ लगाई थी. भिंड के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पदस्थ 10 से ज्यादा कर्मचारियों का विभाग पर करोड़ों का भुगतान अटका था. जिस पर हाईकोर्ट ने कलेक्टर को तलब किया था. कोर्ट ने कहा, ‘कलेक्टर के द्वारा लोक निर्माण विभाग की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई मात्र दिखावा है. अब ऐसा अधिकारी फील्ड में रहना चाहिए या नहीं, यह प्रदेश के मुख्य सचिव खुद तय करें.’

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की एकल बेंच ने लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी के मामले में सुनवाई करते हुए ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा, अधिकारी ऑफिस में बैठकर खुद को शेर समझते हैं. किसी की भी नहीं सुनते हैं. कोर्ट की भी नहीं.’

जमीन से जुड़े एक विवाद में राजस्व विभाग के अधिकारियों की गड़बड़ी दुरुस्त करने का कोर्ट ने आदेश दिया था. लेकिन आदेश का पालन न होने पर रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को कोर्ट ने फटकार लगाई थी. इससे पहले हाईकोर्ट ने प्रतिभा पाल को एक और मामले में फटकार लगा कहा था कि आपको कलेक्टर इसलिए नहीं बनाया कि आप किसी के वाजिब हक का उल्लंघन करें, उनका शोषण करें. इस बात को हमेशा ध्यान रखे.

भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी शिल्पा गुप्ता की भी मुश्किलें बढ़ गई है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि 10 हजार रुपए के गिरफ्तारी वारंट के साथ शिल्पा गुप्ता को 23 मार्च को कोर्ट में हाजिर होना है. मामला ट्राइबल के शिक्षकों से जुड़ा हुआ है.

सबूत नष्ट होने के मामले में इंदौर हाई कोर्ट ने डीसीपी को फटकार लगाई है. साक्ष्य मिट जाने के मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नोटिस हाईकोर्ट ने जारी किया है. मर्डर से जुड़े हुए केस के सबूतों की फाइल चूहे कुतर गए थे. इस पूरे मसले को लेकर पुलिस अधिकारियों की गंभीर लापरवाही को लेकर फटकार लगाई है.

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