भोपाल: मध्यप्रदेश की सरकार कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई. बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. एमपी के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट को लेकर दी जानकारी दी. उन्होनें बताया की सरकार ने राजगढ़ में मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के लिए ₹4,666 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित किया है, जिसका उद्देश्य 1,51,000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई को बढ़ाना है. कैबिनेट ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए संशोधित अनुमानों को मंजूरी दी, जिसमें सिंचाई को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं.
क्षेत्रवार सिंचाई का विस्तार
रीवा-सीधी-सिंगरौली-मऊगंज परियोजना को ₹4,167 करोड़ के बजट के साथ मंजूरी मिली, जिससे सिंचाई क्षेत्र को 1,20,000 हेक्टेयर तक बढ़ाया जा सकेगा. इस कदम 600 गांवों के लाभान्वित होने की उम्मीद है. सिवनी और बालाघाट में संजय सरोवर परियोजना को 300 करोड़ रुपए से अधिक की मंजूरी मिली है, जिसका उद्देश्य 11,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की सिंचाई को बढ़ाना है. तो वहीं सीधी और रीवा में बाणसागर परियोजना के तहत 1100 करोड़ की मंजूरी दी गई है, जिससे 20000 हेक्टेयर के अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी.
एमएसएमई इनोवेशन केंद्र की स्थापना को मंजूरी मिली
कैबिनेट ने स्टार्टअप और एमएसएमई इनोवेशन केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी, उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए. इसके अलावा, मध्यप्रदेश एलाइन्ड एंड हेल्थ केयर काउंसिल की स्थापना को मंजूरी मिली, पैरामेडिकल स्टाफ के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए.
ई-बस सेवा योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दी, जिससे सार्वजनिक परिवहन की पहुंच को बढ़ाते हुए छह मुख्य नगरीय निकाय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में 552 शहरी ई-बसों का संचालन किया जाएंगा. इसके अलावा, कैबिनेट ने 800 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत ‘मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना’ का विस्तार करते हुए, योजना लागत को बढ़ाकर 1100 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है.