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एमपी में डिजिटल फ्रॉड से निपटने के लिए हर जवान बनेगा ‘साइबर वॉरियर’, सिपाही से लेकर DSP तक करेंगे ‘डिजिटल सीमा’ की रक्षा

Madhya Pradesh Police: Cyber ​​training given to every policeman to deal with digital fraud

एमपी पुलिस के हर जवान को दी जाएगी साइबर ट्रेनिंग

MP News: साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए मध्य प्रदेश के पुलिस कर्मियों को भी इससे निपटने के लिए साइबर फाइटर बनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश पुलिस में भर्ती हो रहे सभी पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों से निपटने के लिए बारीकी से अध्ययन कराया जाएगा. इसमें न सिर्फ डीएसपी स्तर के अधिकारी होंगे, बल्कि सिपाही भी शामिल होंगे. इन सभी को पुलिस ट्रेनिंग के दौरान साइबर अपराधों की विवेचना के तमाम पहलुओं के बारे में अध्ययन कराया जाएगा.

इसके लिए पुलिस ट्रेनिंग में साइबर अपराधों को भी जोड़ा गया है. मध्य प्रदेश सहित देश भर में अपराधों का चेहरा बदल रहा है. अब फिजिकल अपराधों के अलावा सायबर अपराधों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होती है. इन अपराधों में दूर-दराज के छोटे जिलों और गांवों से लेकर देश के दूसरे कोने में बैठे शातिर भी शामिल हैं, जो लगातार लोगों को साइबर अपराध से लोगों को निशाना बना रहे हैं. मध्य प्रदेश में हर साल साइबर क्राइम से जुड़ी करीबन 5 लाख शिकायतें पुलिस तक पहुंच रही हैं.

ट्रेनिंग में क्या-क्या सिखाया जाएगा?

भर्ती होने वाले पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को साइबर अपराधों से लड़ने की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. इसमें साइबर लॉ के अलावा ओपन सोर्स इंटेलीजेंट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड एनालिसिस, आईपी-सर्वर लॉग, जीपीएस डेटा एनालिसिस, डेटा रीस्टोर, डार्क वेब, वायरस, क्रिप्टोकरेंसी जैसी तमाम बारीकियां सिखाई जाएंगी.

‘हर पुलिसकर्मी को दक्ष बनाया जाएगा’

साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में शामिल होने वाले तमाम पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को इसमें दक्ष करने जा रही है. इसके लिए ट्रेनिंग कोर्स में इसे शामिल किया गया है. एडीजी ट्रेनिंग राजाबाबू सिंह ने बताया कि पुलिस में भर्ती होने वाले बैच को सायबर अपराधों से लड़ने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है. इसके लिए जरूरत के हिसाब से सायबर में लगातार बदलाव किया जा रहा है। हर बैच को इसकी ट्रेनिंग मिलने से धीरे-धीरे सभी पुलिसकर्मी इनसे निपटने में दक्ष हो जाएंगे.

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‘ट्रेनिंग के बाद ड्यूटी में मिलेगी मदद’

एडीजी ट्रेनिंग राजा बाबू सिंह का कहना है कि नई भर्ती की प्रक्रिया में शामिल जवानों को पहले सामाजिक पुलिसिंग की ट्रेनिंग दी गई है. ट्रेनिंग के बाद जवानों को थानों में भेजा जाएगा. साइबर डेस्क में भी उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी. इसलिए साइबर के संबंध में जवानों को ट्रेनिंग देने का फैसला किया गया है. बड़े साइबर एक्सपर्ट उन्हें बारीकियां समझाएंगे। साथ ही केस को भी सुलझाने की ट्रेनिंग दी जाएगी.

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