Madhya Pradesh Tableau: गणतंत्र दिवस पर दिखा मध्यप्रदेश की कला-संस्कृति का रंग, आत्मनिर्भर नारी पर केंद्रित रही झांकी 

Madhya Pradesh Tableau: 4 साल बाद कर्तव्य पथ पर मध्यप्रदेश की झांकी नजर आई है. इससे पहले 2019 में मध्यप्रदेश की झांकी निकली थी. 
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मध्य प्रदेश की झांकी

Madhya Pradesh Tableau: 75वें गणतंत्र दिवस मौके पर कर्तव्य पथ पर कई राज्यों की झांकी निकलती हैं. ये गौरव का क्षण होता है. जब देश के सामने राज्य अपनी झांकियों के जरिए वहां की विशेषता दिखाने की कोशिश करते हैं. इस बार आत्मनिर्भर नारी थीम पर झांकी बनाई गईं. जिसकी छटा हर राज्य की झांकी में देखने को मिली. ऐसे में मध्यप्रदेश कैसे पीछे रह सकता था. इसलिए विकास का मूल मंत्र-आत्मनिर्भर नारी पर केंद्रित मध्यप्रदेश की झांकी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर शोभा बढ़ाती नजर आई. 

झांकी में दिखी कला, संस्कृति और समृद्धि 

झांकी में प्रदेश की समृद्धि, संस्कृति और महिला सशक्तीकरण का प्रदर्शन किया गया. जैसे ही झांकी मंच पर आई, लोग देखते ही रह गए. बेहद खूबसूरती, सौम्यता और सरलता के साथ झांकी को तैयार किया गया, जिसमें प्रदेश की कला और संस्कृति का मनमोहक वैभव संगम आकर्षण का केंद्र रहा. प्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर और प्रतिशील नारीशक्ति पर केंद्रित रही. इसलिए झांकी के अग्रभाग में भारतीय वायुसेना की प्रथम महिला फाइटर पायलट और प्रदेश की बेटी रीवा जिले की अवनी चतुर्वेदी का प्रतिरूप मिग बाइसन लड़ाकू विमान के साथ दिखाया गया.

वायुसेना की उड़ान के साथ खेल-खलिहान भी दिखा

झांकी में भारतीय वायुसेना की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी के प्रतिरूप को मिग बाइसन लड़ाकू विमान के साथ टॉप पर प्रदर्शित किया गया, वहीं अग्रभाग के निचले हिस्से में गोंड चित्रकारी की गई थी. सामने की पंक्ति में चंदेरी के बादल महल के गेट की डिजाइन पर महिला चंदेरी, महेश्वरी और बाघ प्रिंट साड़ियों का क्रय-विक्रय करती नजर आईं. फिर कैमरा जूम हुआ, तो मध्य भाग में पद्मश्री से सम्मानित दुर्गाबाई की गोंड भित्ति चित्रकारी और साथ में स्टोन कार्विंग करते हुए महिला कलाकार नजर आईं. इसके अलावा झांकी में बाजरा रानी लहरी बाई की उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें महिलाओं ने मालवी लोक संगीत की धुन पर प्रदर्शन किया.

चार साल बाद राजपथ पर मध्यप्रदेश की झांकी

बता दें कि 4 साल बाद कर्तव्य पथ पर मध्यप्रदेश की झांकी नजर आई है. इससे पहले 2019 में मध्यप्रदेश की झांकी निकली थी.  साल 2023 में मध्यप्रदेश द्वारा महाकाल लोक की झांकी का प्रस्ताव चयन समिति को भेजा था. लेकिन झांकी शामिल करने से इनकार कर दिया गया था. वहीं साल 2022 में भी आदिवासियों की आत्मनिर्भरता की थीम का प्रस्ताव भेजा गया था .उसे भी अस्वीकार कर दिया गया था. फिर साल 2021 में आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की थीम भेजी गई. इस पर भी केंद्र सरकार की तरफ से झांकी शामिल करने से मना कर दिया गया. आखिरकार चार साल बाद इन झांकियों में मध्यप्रदेश को जगह मिली है. मध्यप्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर महिलाओं की थीम पर आधारित रही.

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