MP 28% OBC Reservation: मध्य प्रदेश में 28% OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है. MP सरकार ने इस मामले में होने वाली अहम सुनवाई को लेकर कोर्ट ने एक दिन का समय मांगा है. प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर इस मामले में सुनवाई 9 अक्टूबर को हो तो बेहतर रहेगा. इस दौरान दूसरे पक्ष के वकील आज ही सुनवाई पर अड़े रहे. कोर्ट ने सुनवाई टालते हुए सरकार को एक दिन का समय दे दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.
MP सरकार ने मांगा समय
सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही इस मामले में सुनवाई शुरू हुई सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समय मांगा. कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार के अलावा MP के एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और स्पेशल काउंसिल एडवोकेट शशांक रतनू सरकार की ओर से मौजूद रहे.
वक्त मांगने पर क्या बोले जज?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार द्वारा और समय मांगने पर कहा-‘आप फिर वक्त मांगेंगे तो और समय जाएगा. दिक्कतें बढ़ेंगी. अगले हफ्ते दीवाली है, छुट्टियां हैं. हम ये चाहते हैं कि ये मैटर हाई कोर्ट के फैसले के बाद हमारे पास आए. सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन पहुंची हैं. इस मामले में हाईकोर्ट का कोई फैसला नहीं हैं.’
सुनवाई के दौरान कोर्ट में इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में दी गई अंतरिम राहत की भी बात कही गई. इस पर यह पक्ष भी रखा गया कि वहां यह अंतरिम राहत इसलिए दी गई क्योंकि कुछ भर्ती प्रक्रिया चालू थी और वह पूरी होने तक के लिए ही राहत दी गई थी.
हाई कोर्ट वापस जा सकता है मामला
ये पूरा मामला वापस हाई कोर्ट जा सकता है. कोर्ट ने कहा- ‘आप सभी लोग अपने पक्ष बताएं, हो सकता है कि अंतरिम लाभ दे दें या लाभ नहीं भी दें तो हम हाई कोर्ट को डायरेक्ट कर दे. कल आप सब लोग इस बात पर अपने तर्क दें कि इस मामले का कैसे जल्दी समाधान कर सकते हैं. हम इस मामले को हाई कोर्ट भेज दें या अंतरिम राहत देकर हाई कोर्ट भेज दें क्योंकि हाईकोर्ट को अपने राज्य के बारे में अच्छे से जानकारी होती है. ये रिजर्वेशन का मामला है. इसमें इंदिरा साहनी की कड़ी जरूर है लेकिन ये राज्य से संबंधित मामला है. इसलिए इस मामले में जो सबसे उपयुक्त समाधान हो सकता है उस पर कल सुनवाई करेंगे.’
