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Madhya Pradesh: हाई स्कूल में 6000 शिक्षक पदों पर नहीं होगी नए शिक्षकों की भर्ती! MP High Court ने लगाई रोक

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MP हाई कोर्ट

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के हाई स्कूलों में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए जरूरी खबर है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने हाई स्कूल के लिए खाली 6000 शिक्षक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

शिक्षक भर्ती पर रोक

जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश में हा ईस्कूल शिक्षक भर्ती के बचे हुए 6000 पदों पर रोक लगा दी है. इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा- ‘जब तक राज्य सरकार शिक्षक भर्ती के नियम नहीं सुधार लेती, तब तक हाई स्कूल शिक्षकों के बचे हुए पदों पर भर्तियां नहीं की जाएंगी.’

6000 पदों पर होनी है भर्ती

कोर्ट ने शिक्षक भर्ती पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार को 3 हफ्ते का समय दिया है. कोर्ट ने इस समय सीमा के दौरान राज्य सरकार को नियम सुधारने के लिए कहा है. इसके बाद ही हाई स्कूल के लिए खाली 6000 शिक्षक पदों पर भर्ती होगी.

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क्या है पूरा मामला

प्रदेश में हुई हाई स्कूल शिक्षक भर्ती में उम्मीदवारों के सेकेंड डिवीजन क्राईटेरिया को लेकर विवाद था. शिक्षा विभाग ने 448 ऐसे उम्मीदवारों को सेकेंड डिवीजन मानकर भर्ती किया, जिनके ग्रेजुएशन में मार्क्स 45 से 50% के अंदर हैं. वहीं, ऐसे कई उम्मीदवार हैं, जिन्हें थर्ड डिवीजन मानकर भर्ती नहीं किया गया है, जबकि ग्रेजुएशन में उनके भी मार्क्स 45 से 50% के बीच थे. इसको लेकर विरोध किया गया था.

प्रक्रिया पर उठे सवाल

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) के नियमों के मुताबिक, उम्मीदवारों की एलिजिबिलिटी ग्रेजुएशन में सेकेंड डिवीजन तय की गई थी, लेकिन कई यूनिवर्सिटी 45 से 50% अंक लाने वालों को सेकेंड डिवीजन, तो कई यूनिवर्सिटी थर्ड डिवीजन मानती हैं. इन नियमों के बावजूद जब मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग ने अंकों की जगह सिर्फ मार्कशीट में सेकेंड या थर्ड डिवीजन देखकर भर्तियां कीं, तो पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ गए.

हो चुकी 12 हजार भर्तियां

प्रदेश में हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए 18000 पदों पर भर्ती होनी थी. इनमें से 12 हजार पदों पर भर्ती हो चुकी है, जबकि 6000 पदों पर भर्ती बाकी है. हाई कोर्ट ने इन्हीं पदों पर भर्ती के लिए नियम में संशोधन की बात कहते हुए रोक लगा दी है.

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