MP News: कैबिनेट बैठक के बाद कभी भी हो सकती है प्रशासनिक सर्जरी, अधिकारियों के विभाग में हो सकता है बदलाव

MP News : सूत्रों की माने तो कैबिनेट बैठक के बाद प्रशासनिक सर्जरी कभी भी हो सकती है. इसमें पहले उन जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं, जिन्हें एक ही स्थान पर दो साल से अधिक समय हो गया है
Mohan Yadav Cabinate

मोहन यादव मंत्रिमंडल

MP News :  लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट चल रही है. इसमें दो दर्जन जिलों के कलेक्टर और दो संभाग आयुक्त सहित निगम-मंडल के एमडी बदले जाने की संभावना है. मंत्रालय में भी सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिवों के विभागों में परिवर्तन किए जा सकते हैं.
सूत्रों की माने तो कैबिनेट बैठक के बाद प्रशासनिक सर्जरी कभी भी हो सकती है. इसमें पहले उन जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं, जिन्हें एक ही स्थान पर दो साल से अधिक समय हो गया है. इन जिलों में सागर, सतना, धार, बालाघाट और छतरपुर कलेक्टर के नाम प्रमुख हैं.

इसके अलावा दतिया, मुरैना, अनूपपुर, कटनी, भिंड, डिंडौरी, बड़वानी, रायसेन, सीहोर, राजगढ़ और खंडवा के कलेक्टर भी इधर-उधर होने की संभावना है. वहीं संभाग आयुक्तों में सागर और जबलपुर हो सकते हैं. कई आईएएस 5 साल से लूप लाइन में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई है कि कई आईएएस ऐसे हैं जो अबतक कलेक्टर नहीं बन सके हैं. ये अधिकारी चार-पांच साल से लूप लाइन में हैं. ज्यादातर अपर आयुक्त राजस्व हैं. निगम मंडलों में पदस्थ कई अफसर भी इधर से उधर किए जाने की चर्चा है. उन प्रमुख सचिवों का भार भी कम किया जा सकता है जिनके पास भारी भरकम विभाग हैं.

सचिवालय में बैठे अधिकारियों के भी विभाग में होगा परिवर्तन

इसके अलावा मुख्यमंत्री सचिवालय में भी कई अधिकारियों की विभाग में बदलाव हो सकता है. अभी तक कई अधिकारियों के पास एक से ज्यादा विभाग है. ऐसे में संभावना है कि उन्हें एक ही विभाग तक सीमित रखा जा सकता है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने बड़े स्तर पर सर्जरी की थी और कई अधिकारियों को एक से ज्यादा विभाग मिल गए थे. ऐसे में परफॉर्मेंस के आधार पर उन अधिकारियों को जिम्मेदारियां से मुक्त भी किया जा सकता है. मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद आसार बन जाएंगे कि उन्हें दूसरे विभागों में पदस्थ किया जाए.

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