भोपाल: मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा फर्जीवाड़े के मामले में भले ही क्लीनचिट मिल गई है.इसके बाद सरकार नियुक्ति देने भी देने जा रही है. इससे दूसरा पक्ष नाराज हो गया है. छात्रों की मांग है कि जांच रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में लाया जाए. इसके साथ ही हाईकोर्ट के रिटायर जजों की बेंच के जरिए सरकार जांच कराए. इन मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में राजधानी में छात्र इकट्ठा हुए और वल्लभ भवन तक जाने की कोशिश करने लगे. करीब 2 किलोमीटर तक छात्रों ने नारेबाजी करते हुए रैली निकाली.
भोपाल के व्यापम चौराहे के पास पुलिस ने रोक दिया. पुलिस ने कहा कि बिना अनुमति प्रदर्शन और रैली करना कानून का उल्लंघन है. छात्रों ने पुलिस की बात मानने से इंकार कर दिया और वल्लभ भवन तक पहुंचने की कोशिश करने लगे. फौरन ने ही पुलिस बल ने छात्रों को गिरफ्तार कर बस में बैठा दिया. छात्रों का कहना है कि पुलिस ने भले ही गिरफ्तार कर लिया है लेकिन फिर से राजधानी में लाखों की संख्या में सरकार से मांग पूरी कराने के लिए आ सकते हैं.
उठाए सरकारी जांच पर सवाल
पटवारियों की नियुक्ति के विरोध में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के रंजीत किसानवंशी ने कहा कि “पटवारी परीक्षा के फर्जीवाड़े से यह है कि सरकार को ऐसा विभाग खोलना चाहिए, जिसमें 15 लाख दो और नियुक्ति पाओ. जिन लोगों ने मध्य प्रदेश की राजधानी और महाकाल लोक गुजरात में बताए, ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में चयनित हुए हैं. फिर सरकार की जांच पर भी सवाल उठ रहे है.
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पहले भी हुआ विरोध प्रदर्शन
कोचिंग हब के नाम से मशहूर इंदौर में छात्रों ने प्रदर्शन किया. मध्यप्रदेश कर्मचरी चयन मंडल ने ग्रुप 2 सबग्रुप 4 का रिवाइस्ड रिजल्ट जारी किया. इस रिजल्ट के विरोध में छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया था. एमपी के कई शहरों में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.