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MP News: होशंगाबाद सीट पर बीजेपी के दर्शन सिंह चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के संजय शर्मा से, दोनों पहली बार चुनावी मैदान में

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होशंगाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी ने दर्शन सिंह चौधरी तो वहीं कांग्रेस ने संजय शर्मा पर भरोसै जताया है.

Hoshangabad Lok Sabha constituency: शहर सतपुड़ा और विंध्याचल के बीच बहती एमपी की लाइफ लाइन नर्मदा नदी और इसके किनारे बसा शहर है. जिसका नाम बदलकर अब नर्मदापुरम कर दिया गया है. होशंगाबाद एमपी की 29 लोकसभा सीट में से एक है. इस सीट पर दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को चुनाव होना है.

होशंगाबाद लोकसभा सीट में तीन जिलों की आठ विधानसभा शामिल हैं. इनमें नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा, नरसिंहपुर, गाडरवारा; नर्मदापुरम जिले की सिवनी-मालवा, नर्मदापुरम, सोहागपुर, पिपरिया और रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा सीट शामिल है. 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी आठ सीट पर जीत हासिल की थी. बीजेपी ने इस बार नए चेहरे पर भरोसा जताते हुए दर्शन सिंह चौधरी को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने हर बार की तरह इस बार भी नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.

आइए जानते हैं दोनों उम्मीदवारों के बारे में

दर्शन सिंह चौधरी – बीजेपी उम्मीदवार

आमचुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने दर्शन सिंह चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. ओबीसी वर्ग से आने वाले दर्शन ने संगठन और सामाजिक स्तर बहुत काम किया है. राजनीतिक और संगठन स्तर पर काम की बात करें तो ग्रास रूट लेवल पर सामाजिक मुद्दों से जुड़े काम किए हैं. पांच विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट और दर्शनशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट दर्शन पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर रहे हैं.

पेशे से टीचर रहे दर्शन सिंह चौधरी ने किसान और मजदूर वर्ग के लिए संघर्ष किया. बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में रूचि होने के कारण शाखा जाने लगे. शाखा के मुख्य शिक्षक से लेकर खंड कार्यवाहक तक की जिम्मेदारी निभाई. किसानों के लिए काम करते हुए भारतीय किसान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर प्रदेश मंत्री तक के पद पर रहे. किसानों की समस्या के साथ-साथ मजदूरों के लिए काम किया और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ की स्थापना की.

किसानों के लिए आंदोलन भी किए. इन आंदोलनों की वजह से सात बार जेल भी गए. बीजेपी के किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे. इतने सारे सामाजिक और संगठन स्तर पर काम करने के बाद भी कभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा.

संजय शर्मा – कांग्रेस के उम्मीदवार

संपत्ति – 130 करोड़ रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – एक

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने संजय शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. संजय शर्मा पेशे से बिजनेसमैन हैं. तेंदूखेड़ा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. साल 2013 में संजय शर्मा ने बीजेपी की टिकट से तेंदूखेड़ा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा. इस चुनाव में संजय शर्मा ने कांग्रेस के सुरेंद्र डीमोले को हराकर जीत हासिल की.

साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले संजय शर्मा ने पार्टी बदल ली. बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने संजय को तेंदूखेड़ा से टिकट दे दिया. संजय शर्मा ने बीजेपी के विश्वनाथ सिंह को हराकर दोबारा जीत हासिल की.

साल 2023 में कांग्रेस ने संजय शर्मा पर फिर से भरोसा जताते हुए तेंदूखेड़ा सीट से टिकट दे दिया. जिस बीजेपी प्रत्याशी को हराकर 2018 में संजय शर्मा विधायक बने थे उसी ने यानी विश्वनाथ सिंह ने 2023 के विधानसभा चुनाव में हरा दिया.

आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने होशंगाबाद सीट से संजय शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. ये कांग्रेस का शर्मा पर भरोसा है.

दर्शन सिंह चौधरी बनाम संजय शर्मा

दर्शन ओबीसी वर्ग से और संजय शर्मा सवर्ण वर्ग से आते हैं. जहां एक ओर दर्शन सिंह ने जमीनी स्तर पर काम करके अपनी पहचान बनाई है वहीं दूसरी ओर संजय शर्मा ने दो बार तेंदूखेड़ा से विधानसभा चुनाव जीतकर. दोनों पहली लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.

संगठन में काम करके दर्शन को टिकट मिला वहीं संजय शर्मा को पहचान के कारण टिकट मिला. ऐसा कहा जाता है कि संजय शर्मा कमलनाथ के करीबी हैं इसलिए बार-बार मौके मिले.

होशंगाबाद सीट पर जातीय समीकरण

इस सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो अनुसूचित जाति(एससी) कैटेगरी के करीब 16 फीसदी, अनुसूचित जनजाति(एसटी) कैटगरी के 12.5 फीसदी लोग हैं. इसके अलावा लोधी-कुर्मी की जनसंख्या करीब 12 फीसदी, किरार छह फीसदी, ब्राह्मण सात फीसदी, रघुवंशी समाज के सात फीसदी लोग रहते हैं. इससे साफ होता है कि इस सीट पर ओबीसी जनसंख्या मैजोरिटी में है. वहीं इस सीट पर मुस्लिम आबादी सात फीसदी के करीब है.

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लोकसभा चुनाव 2019

इस चुनाव में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहा. बीजेपी ने राव उदय प्रताप सिंह को और कांग्रेस ने शैलेंद्र दीवान को मैदान में उतारा. बीजेपी के उदय प्रताप को 8 लाख, 77 हजार, 927 वोट मिले और कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान को 3 लाख, 24 हजार, 245 वोट मिले. उदय प्रताप बहुत बड़े अंतर से जीते. दोनों के बीच जीत का अंतर 5 लाख, 53 हजार, 682 रहा.

होशंगाबाद सीट का राजनीतिक इतिहास

साल 2009 से 2014 का समय छोड़ दे तो 1989 से अभी तक यानी 35 साल से ये सीट बीजेपी के पास है. इस सीट से सबसे ज्यादा बार बीजेपी के सरताज सिंह सांसद रहे. सरताज सिंह कुल पांच बार यानी 1989,1991,1996, 1998 और 2004 में सांसद रहे. 1962 से 1967 और 1977 से 1980 का समय छोड़ दें तो 1952 से लेकर 1989 तक ये सीट कांग्रेस के पास रही.

1962 से 67 तक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के हरि विष्णु कामथ और 1977 से 80 तक हरि विष्णु कामथ ही जनता पार्टी से सांसद रहे. दो सांसद ऐसे हैं जिन्होंने इस सीट से तीन बार चुनाव जीता. हरि विष्णु कामथ ने साल 1952, 1962 और 1977 का चुनाव जीता. राव उदय प्रताप सिंह ने साल 2009 में कांग्रेस के टिकट से और 2014, 2019 का चुनाव बीजेपी की टिकट से जीता.

ऐसे दो सांसद रहे जो दो बार इस सीट से सांसद बने. दोनों सांसद कांग्रेस के रहे. साल 1967 से 77 तक नीतिराज सिंह सांसद रहे. साल 1980 से 89 तक रामेश्वर नीखरा कांग्रेस सांसद रहे हैं.

दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अजमाई किस्मत

होशंगाबाद सीट से दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपनी किस्मत अजमाई. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व सीएम अर्जुन सिंह को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी ने सरताज सिंह को प्रत्याशी बनाया था. पांच बार के सांसद और 1998 से पहले तीन बार सरताज सिंह सांसद रह चुके थे. इस चुनाव में अर्जुन सिंह को हार का सामना करना पड़ा था.

साल 1999 में बीजेपी ने सुंदरलाल पटवा को मैदान में उतारा. पटवा होशंगाबाद सीट जीतकर आए.

(SOURCE – eci, digital sansad, myneta.info)

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