भोपाल: मध्य प्रदेश में नक्सली एंकाउंटर के बाद सिकलीगर एंगल पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस सिकलीगर और नक्सलियों के सिंडिकेट के मामले में अलर्ट हो गई है. एनआईए के छापेमारी के बाद इंटेलिजेंस, एटीएस और एसटीएफ जांच कर रही है. नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने के मामले में पुलिस की जांच जारी है, वहीं आईजी इंटेलिजेंस डा. आशीष ने पुष्टि की है कि सिकलीगरों के मामले की जांच चल रही है. नक्सलियों से बरामद हथियारों को भी सिकलीगरों के हथियारों के मैच कराया जाएगा. इसके पीछे की वजह है कि बालाघाट में मारे गए नक्सलियों से पास से बरामद राकेट लाउंचर के गोले मिले हैं.
पिछले दिनों एनआईन ने बड़वानी, धार और कई अन्य जिलों में छापेमारी की थी. जिस दौरान सिकलीगरों के ठिकानों से एनआईए को राकेट लाउंजर के गोले मिले थे. इसके बाद नक्सलियों के पास मिले हथियारों को भी मैच कराया जाएगा. आईजी इंटेलिजेंस डा. आशीष ने बताया कि पहली बार नक्सलियों के पास राकेट लाउंचर के गोले मिले हैं. आशंका है कि नक्सलियों को सिकलीगरों ने ही सप्लाई थी कि क्योंकि जांच एजेंसियों ने राज्य सरकार को रिपोर्ट दी थी कि नक्सलियों को आसानी से हथियार एमपी के सिकलीगरों से मिल रहे हैं. दूसरे देशों की जगह देश के भीतर ही आसानी से हथियार नक्सलियों तक सप्लाई हो रहे हैं. आईजी इंटेलिजेंस ने बताया कि नक्सलियों के पास एके-47 जैसे बैन हथियार मिले हैं. यहां हथियार सिर्फ पैरा फोर्सेस को दिए जाते हैं. जांच इस मामले की भी सुरक्षा एजेंसियां कर रही है कि आखिर बैन आर्मस नक्सलियों तक कैसे पहुंच रहे हैं.
कई राज्यों तक सिकलीगरों के हथियारों की सप्लाई
एमपी के आधा दर्जन जिले हैं, यहां पर सिकलीगर समुदाय अवैध रूप से हथियार बनाते हैं. पूर्व पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सिकलीगर समुदाय अंग्रेजों के जमाने से हथियार बनाते आ रहे हैं. इसके बाद अवैध रूप से हथियार पीढ़ी दर पीढ़ी बनाते आ रहे हैं. यह समुदाय हथियार बनाने में एक्सपर्ट माने जाते हैं. इसलिए आसानी से हथियार बनाकर मध्य प्रदेश से दूसरे तस्करों के जरिए हथियार सप्लाई करते हैं. पंजाब. हरियाणा, यूपी और बिहार के अलावा महाराष्ट्र , बंगाल तक हथियार सिकलीगर भेजते हैं. एसटीएफ ने डेढ़ साल पहले कार्रवाई करते हुए खुलासा किया था कि सिकलीगर और दूसरे राज्यों के तस्कर एमपी को ट्रांजिट प्वाइंट बनाकर हथियारों का काला कारोबार करते हैं.
ग्लाक, आटोमैटिक और मोडिफाइड हथियारों को बनाने में एक्सपर्ट
गन बनाने वाली फैक्ट्रियों से बेहतर सिकलीगर ग्लाक, आटोमैटिक और मोडिफाइट हथियार बनाने में एक्सपर्ट हैं. यही कारण है कि पापुलर सिंगर की हत्या में डिमांड के मुताबिक सिकलीगरों से हथियार बनाए थे. इन्हीं के हथियारों से मूसेवाला की हत्या की थी. वहीं खालिस्तान समर्थकों को भी हथियार सप्लाई कर चुके हैं. एनआईए ने यह रिपोर्ट भी मध्य प्रदेश के डीजीपी की दी थी. पंजाब के तत्कालीन डीजीपी भी एमपी सरकार को पत्र लिखकर सिकलीगरों के अवैध हथियार बनाने के ठिकानों पर एक्शन लेने के लिए कहा था, इसके बाद धार, खरगोन भी सैकड़ों हथियारों को पुलिस से जब्त किया था.