MP News: स्वच्छता में ना सही लेकिन जबलपुर साफ हवा के मामले में जरूर अव्वल बन गया है. देश भर में हुए 136 शहरों के सर्वे में जबलपुर शहर को 100 फीसदी अंक हासिल हुए हैं इससे न केवल यह साबित होता है कि जबलपुर शहर की हवा सांस लेने लायक है बल्कि इससे नगर निगम के राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है क्योंकि इस उपलब्धता को हासिल करने के बाद जबलपुर नगर निगम को 3 करोड रुपए की प्रोत्साहन राशि भी मिली है.
Indore और Bhopal को पीछे छोड़ा
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश भर में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत 136 शहरों का सर्वे कराया था इस सर्वे में शहरों में पीएम 10 धूल के सूक्ष्म कण का औसत मासिक आकलन किया गया. इसके अनुसार साल 2022-23 के मुकाबले साल 2024 में 27 फ़ीसदी का सुधार हुआ है जो निर्धारित लक्ष्य से 15% अधिक है इसलिए साफ हवा के मामले में जबलपुर शहर ने मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर को भी पीछे छोड़ दिया है. हवा में धूल का स्तर कम कर वायु की गुणवत्ता सुधार कर जबलपुर शहर ने मुंबई वाराणसी गाजियाबाद जैसे शहरों को पीछे छोड़ते हुए 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं. हालांकि इस मामले में ग्वालियर की हवा भी कुछ हद तक साफ मिली है लेकिन सर्वे में जबलपुर शहर ने सबको पीछे छोड़ दिया है.
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शहर की हवा को साफ करने के लिए जमीनी स्तर पर हुआ काम
जबलपुर शहर की हवा को साफ करने के लिए जमीनी स्तर पर कामकाज किया गया है धूल का स्तर कम करने के लिए शहर के प्रमुख चौक चौराहों की साथ स्विंग मशीन से सफाई कराई गई लगातार फागिंग मशीन चलाई जाती है ग्रीन बेल्ट को बढ़ाने के लिए 25 नए उद्यान बनाए गए हैं कुछ सड़कों के किनारे भी हरित क्षेत्र में विकसित किए गए हैं 300 से ज्यादा बड़ी कंस्ट्रक्शन साइट को ग्रीन मेट से कर किया गया है नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत शहर की कई सड़कों को बनाया जा रहा है धूल रहित सड़कें हो सके इसके लिए फुटपाथ भी बनाए गए हैं.