भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले की भोजशाला (Bhojshala) में सर्वे (Survey) का 23 मार्च शनिवार को दूसरा दिन है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) की टीम भोजशाला का सर्वे कर रही है. इस दौरान दोनों पक्ष के लोग भी परिसर में पहुंच गए हैं. कल सर्वे का पहला दिन था. पहले दिन सिर्फ हिन्दू पक्ष के दो लोग यहां पहुंचे थे मुस्लिम पक्ष कल यहां नहीं पहुंचा था. बता दें कि ASI ने 22 मार्च से सर्वे का काम शुरु किया है.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा किये जा रहे सर्वे के लिए भोजशाला परिसर में सुरक्षा के व्यवस्था इंतजाम किए गए हैं. परिसर में पुलिस के 100 से अधिक जवान तैनात हैं. पूरे शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है.
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शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय ने अदा की थी नमाज
22 मार्च से शुरु हुए सर्वे के दिन शुकवार का दिन था. शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोग भोजशाला परिसर में नमाज अदा करते हैं, इसलिए हाई कोर्ट के आदेश करते हुए नमाज पढ़ने आने वाले लोगों को भोजशाला में प्रवेश गया. नमाज प्रभावित नहीं हुई.
#WATCH | A team of Archaeological Survey of India (ASI) arrives at Bhojshala Complex in Dhar, Madhya Pradesh.
The ASI began an archaeological survey of the Bhojshala Complex yesterday, 22nd March. pic.twitter.com/Y0FyT171Oi
— ANI (@ANI) March 23, 2024
हाईकोर्ट से खारिज हो गई थी मुस्लिम पक्ष की याचिका
शुक्रवार को सर्वे शुरू होने के बाद मुस्लिम पक्ष याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से मना कर दिया. बता दें कि यह याचिका मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने दाखिल की थी. जिसमें सर्वे से जुड़े हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
क्या है पूरा मामला
एएसआई के द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिन्दू पक्ष वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताता है. इसी ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ नामक संगठन की याचिका दायर की थी जिसके बाद हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च2024 को सुनाए आदेश में कहा था, ‘‘ इस अदालत ने केवल एक निष्कर्ष निकाला है कि भोजशाला मंदिर-सह-कमाल मौला मस्जिद परिसर का जल्द से जल्द वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन कराना एएसआई का संवैधानिक और कानूनी दायित्व है. इस मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है.