ग्वालियर में कुत्तों का आतंक, नगर निगम ने जारी किया फरमान, Dogs को मीठा खाना ना दें शहरवासी 

आम दिनों में डॉग बाइट के 150 से 200 मामले देखे जाते थे. लेकिन अब यह संख्या बढ़ गई है, जिससे प्रतिदिन करीब 400 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
डॉग बाइट

डॉग बाइट

MP News:  मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में इन दिनों आम लोग और रहवासी आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान और डरे हुए हैं. कुत्तों के आतंक का आलम ये है कि आम लोग अब घरों से बाहर निकलने से भी घबरा रहे हैं, अगर आंकड़ों की बात करें तो यहां रोजाना 200 से 250 लोगों को ये आवारा कुत्ते अपना निशाना बना रहे हैं. आम लोगों की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है कि शासन की तरफ से अब तक रोकथाम के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. साथ ही आने वाले समय में कुत्तों के हमलों से रोकथाम के लिए भी किसी तरह की कोई प्लानिंग नहीं की गई है. इसके इधर नगर निगम ने अपनी कमियों और नाकामियों को छिपाने के लिए एक नया फरमान जारी कर दिया है. निगम ने आम लोगों से अपील की है कि वो आवारा कुत्तों को बिस्कुट के अलावा कोई दूसरी मीठी खाद्य सामग्री न दें.

 

निगम ने जारी किया फरमान कुत्तों को न दें मीठी चीजें

निगम के कर्मचारी कुत्तों की रोकथाम में नाकाम हुए तो अपने जारी फरमान को लेकर निगम के कर्मचारी गली मोहल्ले में जा रहे हैं. और आम लोगों से अपील कर रहे हैं कि आवारा कुत्तों को खाने के लिए बिस्कुट के अलावा कोई भी मीठा खाद्य पदार्थ नही दें और ना नहीं खुले स्थानों पर मीठी खाद्य सामग्री डालें. निगम का कहना है कि मीठा खाने से आवारा कुत्ते एग्रेसिव हो रहे हैं. और आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. ग्वालियर जिले की सड़कों पर करीब 50 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते घूम रहे हैं. जो लगभग हर 10 मिनट में एक राहगीर को निशाना बना रहे हैं. बीते सालों में जारी किए गए  आंकड़ा हैरान करने वाले हैं.  एक अनुमान के मुताबिक साल 2023 में ग्वालियर जिले में 80 हजार लोग डॉग बाइट का शिकार हुए थे . यह तो सिर्फ उन लोगों का आंकड़ा है जो एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंच जाते हैं. इनमें यदि उन लोगों का आंकड़ा जोड़ लिया जाए, जो सिर्फ नीम हकीम या देशी इलाज के सहारे इलाज कराते हैं तो डॉग बाइट का आंकड़ा चौंका देने वाली संख्या तक पहुंच सकता है.

कुत्तों के आतंक से लोग में दहशत 

ग्वालियर जिले में कुत्तों के आतंक से भयभीत लोग अब घरों से हाथों में लाठी डंडे लेकर निकल रहे हैं. वहीं देर शाम घर से निकालने पर कुत्तों के घेर लेने के डर से बच्चे और बुजुर्ग शाम होते ही खुद को घरों में कैद कर लेते हैं. अब यदि बात की जाए लापरवाही को तो उसका आलम ये  ही निगम के कर्मचारियों को प्रतिदिन आवारा कुत्तों के आतंक की शिकायत मिलती है. लेकिन इसका निराकरण करने के बजाए निगम के लोग टालमटोल करके आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं. वहीं कुत्तों को लेकर निगम का एनिमल बर्थ प्रोजेक्ट भी कई महीनों से ठप्प पड़ा हुआ है. जिसके कारण शहरों में कुत्तों की संख्या में लगातार तेजी से इजाफा हो रहा है. 

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मीठा खाने से कुत्तों में बढ़ती है एलर्जी 

ग्वालियर में बढ़ते कुत्तों के आतंक को लेकर निगन कमिश्नर हर्ष सिंह ने बयान देते हुए कहा कि आवारा कुत्तों के हिंसक होने का कारण भूख है. उन्होंने कहा कि कुत्ता यदि भूखा हो तो हिंसक हो जाता है. वहीं सामान्य रूप से लोग कुत्तों को खाने में मीठे बिस्किट और टोस्ट देते हैं. इनमें शक्कर का इस्तेमाल होता है. जिससे कुत्तों को खुजली और त्वचा की समस्या हो जाती है. जिससे उनमें चिड़चिड़ापन देखा जाता है. 

रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध कराना भी चुनौती 

ग्वालियर जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन अक्षय निगम का भी कहना है कि जिले में कुत्ते के काटने से घायल लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आम दिनों में डॉग बाइट के 150 से 200 मामले देखे जाते थे. लेकिन अब यह संख्या बढ़ गई है, जिससे प्रतिदिन करीब 400 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अस्पतालों को रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध कराना भी एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.उन्होंने निगम पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले समय में इन मामलों को कैसे कंट्रोल किया जाए, इस विषय में नगर निगम को गंभीरता से सोचना चाहिए.

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