MP News: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही हैं. घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की संलिप्तता उजागर होने के बाद अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अब इंजीनियरिंग-मेडिकल की तर्ज पर नर्सिंग स्टूडेंट्स की स्टेट लेवल पर परीक्षा होगी. सीएम के इस फैसले पर नर्सिंग महाघोटाले को उजागर करने वाले एनएसयूआई की मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार ने सवाल खड़े किए हैं.
आज तक जारी नहीं हुए परिणाम, छात्राएं लगा लगा चुकी गुहार
रवि परमार ने कहा कि एमपी सरकार इस ऐलान के माध्यम से घोटाले से ध्यान भटकाना चाहते हैं. परमार ने तर्क दिया कि पहले से ही शासकीय नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए व्यापम(पीईबी) के माध्यम से प्रवेश-परीक्षा करवाई जा रही है, लेकिन मध्य प्रदेश में लापरवाही का यह आलम है कि 2022-23 सत्र के लिए 7, 8, 9 जुलाई 2023 में करवाएं गई. परीक्षा के परिणाम आज तक जारी नहीं हुए हैं छात्राएं सभी जगह गुहार लगा चुकी हैं.
आयुर्विज्ञान विवि के कुलपति रजिस्ट्रार पर कोई कार्रवाई नहीं
रवि परमार ने कहा कि सरकार ने केंद्र के नर्सिंग एक्ट के अनुसार राज्य में आयोग गठित करने का ऐलान किया है, लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि राज्य की ओर से आयोग गठन के बाद भ्रष्टाचार रुक जाएगा. क्योंकि शिक्षा माफिया जब सीबीआई अफसरों को खरीद सकते हैं तो आयोग में उन्हीं के लोग चेयरमैन होंगे. नर्सिंग घोटाले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है, लेकिन घोटाले के जनक मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक खंडेलवाल रजिस्ट्रार पुष्पराज सिंह बघेल के खिलाफ ना तो कोई एफआईआर दर्ज की गई और ना ही कोई जांच शुरू हुई है हैरानी की बात है कि दोनों यथावत कुलपति रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत भी हैं.
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नर्सिंग अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ ना किया जाए खिलवाड़
रवि परमार ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मध्यप्रदेश के हजारों नर्सिंग अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए. तत्काल उनके परीक्षा परिणाम जारी करने के निर्देश दें. वहीं मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति रजिस्ट्रार और मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनिता शिजू और चन्द्रकला दिगवया पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर सेवा समाप्ति की कार्यवाही करने के निर्देश दें।.