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Madhavi Raje Scindia: नेपाल के राजघराने से संबंध रखती थीं राजमाता माधवी राजे, मराठी परंपरा के अनुसार बदला था नाम

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माधवी राजे सिंधिया को सांस लेने में तकलीफ होने पर 15 फरवरी को दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था.

Madhavi Raje Scindia passed away: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता जी के निधन की दुखद खबर आई. जानकारी के मुताबिक दिल्ली AIIMS में राजा माता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया. नई दिल्ली AIIMS अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 70 साल की थीं. पिछले तीन महीने से बीमार होने से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं. यहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार ग्वालियर में गुरुवार सुबह 11 बजे किया जाएगा.

नेपाल राजघराने से था संबंध

बता दें राजमाता माधवी राजे मूलत: नेपाल की रहने वाली थीं. वे नेपाल राजघराने से संबंध रखती थीं. उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे. राणा वंश के मुखिया भी रहे थे. 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था. मार्च 2020 में जब सिंधिया राजघराने के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का निर्णय लिया था, तो उस समय पूरा परिवार उनके साथ था. बेटा और पत्नी तो उनके फैसले में साथ थे ही, पर सबसे ज्यादा सपोर्ट उनकी मां माधवी राजे सिंधिया ने किया था. ज्योतिरादित्य कांग्रेस में पिता की विरासत छोड़कर जाने में संकोच कर रहे थे, लेकिन माधवी राजे ने मार्गदर्शक बनकर राह दिखाई थी. इसके बाद ही ज्योतिरादित्य ने इतना बड़ा फैसला लेकर अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया की तरह बड़ा कदम उठाया था.

She was married to Madhavrao Scindia in 1966.
1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था.

मराठी परंपरा के अनुसार बदला गया था नाम

शादी से पहले राजमाता माधवी राजे का नाम प्रिंसेस किरण राजलक्ष्मी देवी था. ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के माधवराव सिंधिया से 1966 में उनकी शादी हुई. शादी दिल्ली में शानो-शौकत के साथ हुई थी. इस शाही शादी में देश-विदेश से मेहमान शामिल हुए थे. शादी के बाद मराठी परंपरा के अनुसार नेपाल की राजकुमारी का नाम बदला गया. इसके बाद वह किरण राजलक्ष्मी से माधवीराजे कहलाने लगीं. माधवी और माधवराव का रिश्ता ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने तय किया था.

Madhavi Raje Scindia's marriage took place with great pomp in Delhi.
माधवी राजे सिंधिया की शादी दिल्ली में धूमधाम से हुई थी.

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2001 में हुआ था पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का निधन

माधवी राजे के ​पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का निधन 30 सितंबर 2001 को हुआ था. इसके बाद से वह काफी टूट गई थीं, लेकिन बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया और बहू प्रियदर्शनी राजे सिंधिया की मार्गदर्शक रहीं. ज्योतिरादित्य हमेशा अपनी मां से सलाह मशवरा करके फैसला लेते रहे.

साल 2022 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने माताश्री माधवीराजे सिंधिया पत्नी प्रियदर्शिनी राजे, बेटे महाआर्यमान के साथ  पीएम आवास पर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

माधवराव सिंधिया के निधन के बाद माधवी राजे के राजनीति में आने के कयास भी लगते रहे. माना जा रहा था कि वह साल 2004 के आम लोकसभा चुनाव में ग्वालियर लोकसभा से चुनाव लड़ सकती हैं. गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और ग्वालियर से माधवी राजे मैदान में होंगी, क्योंकि उस समय माधवराव के आकस्मिक निधन से लोग भावुक थे, लेकिन माधवी राजे ने खुद को राजनीति से दूर ही रखा. साथ ही पति माधवराव सिंधिया की राजनीतिक विरासत बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए छोड़ दी. सिंधिया राजपरिवार की बहू बनने से पहले भी माधवी राजे सिंधिया रॉयल फैमिली से आती थीं. उनके दादा नेपाल के प्रधानमंत्री और राणा राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा थे.

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