MP News: जबलपुर में पुलिस लगातार नशीले इंजेक्शन के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. शनिवार यानी 9 नवंबर को 11 लाख रुपये के 18 हजार नशीले इंजेक्शन बरामद किए गए. पुलिस ने मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया.
आरोपी की लंबे समय से तलाश थी- पुलिस
दरअसल पिछले कुछ सालों से जबलपुर में नशीले इंजेक्शन का कारोबार चल रहा है. आये दिन पुलिस ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रही है जो नशीले इंजेक्शन के कारोबार में शामिल हैं. अब तक पुलिस ने जिन आरोपियों को पकड़ा था वो केवल पैडलर थे. पुलिस को लंबे समय से इस कारोबार को करने वाले सरगना की तलाश थी. जिसका नाम महेश विश्वकर्मा है. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि महेश कुमार विश्वकर्मा जो नशीले इंजेक्शन की बड़ी खेप लेकर जबलपुर में सप्लाई के लिए घूम रहा है. इस सूचना पर पुलिस ने व्हीकल फैक्ट्री के खंडहर मकान में इंजेक्शन की डिलीवरी करते वक्त महेश को धरदबोचा. महेश के पास से 18 हजार नशीले इंजेक्शन जब्त किए गए हैं.
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दवा के दुकान से नशा कारोबारी बना आरोपी
जानकारी के मुताबिक आरोपी महेश कुमार विश्वकर्मा कुछ सालों पहले एक दवा दुकान में काम करता था. वहीं से महेश के दिमाग में नशीले इंजेक्शन का कारोबार करने का ख्याल आया. काम करने के दौरान उसने नशे के इंजेक्शन के कारोबार, मांग और सप्लाई की पूरी जानकारी हासिल की. फिर दुकान का काम छोड़कर इस कारोबार में जुट गया. महेश ने शाहनवाज नामक व्यक्ति के नाम से फर्जी ड्रग लाइसेंस तैयार किया. इसके बाद फिर बड़े ऑर्डर कर गुजरात से नशे के इंजेक्शन की खेप मांगने लगा.
महेश ने धीरे-धीरे जबलपुर शहर में अपनी पैंठ जमा ली. शहर में नशीले इंजेक्शन का इस्तेमाल करने वाले लोगों तक इंजेक्शन पहुंचाने लगा. इस कारोबार से महेश ने इतना पैसा कमाया कि उसने तीन मंजिला आलीशान मकान भी खड़ा कर लिया. इसी दौरान पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए महेश विश्वकर्मा ने अपना नाम बदलकर महेश साहू कर लिया. अपना बचाव करने लिए आरोपी ने अपने घर में हाईटेक सीसीटीवी कैमरा भी लगवाए थे. पुलिस द्वारा पिछले कुछ दिनों में पकड़े गए नशीली इंजेक्शन का कारोबार करने वाले कुछ आरोपियों से मिली जानकारी के जरिए महेश तक पहुंच पाई है.