MP News: अगर हौसलों में जान है तो हर मंजिल आसान है जबलपुर के दिव्यांग खिलाड़ी तरुण कुमार ने स्वीडन में आयोजित स्पेशल ओलंपिक में भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम को जीत दर्ज करने में अहम भूमिका निभाई है. दिव्यांग खिलाड़ी तरुण कुमार जबलपुर के जस्टिस तन्खा मेमोरियल रोटरी इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र हैं और फुटबॉल के खिलाड़ी हैं तरुण का चयन राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए हुआ था और स्वीडन में आयोजित गोथियां स्पेशल ओलंपिक ट्रॉफी 2024 की जीत में तरुण कुमार हीरो रहे.
डेनमार्क की टीम को 4-3 गोल के अंतर दी मात
मध्य प्रदेश से पहली बार स्पेशल ओलंपिक में भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में जबलपुर से दिव्यांग खिलाड़ी तरुण कुमार का चयन हुआ था राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अच्छे प्रदर्शन के चलते तरुण का चयन टॉप 10 खिलाड़ियों में दिल्ली में हुआ. भारतीय टीम 13 जुलाई को दिल्ली से स्वीडन स्पेशल ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुई. 16 जुलाई से 19 जुलाई तक आयोजित गोथियां स्पेशल ओलंपिक ट्रॉफी 2024 में भारतीय फुटबॉल टीम ने हिस्सा लिया जहां टीम ने चारों में जीतकर फाइनल में प्रवेश किया और फाइनल में डेनमार्क की टीम को 4-3 गोल के अंतर से हराकर इतिहास रच दिया. भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में फिनलैंड को 3-0 से, जर्मनी को 6-0 से और हांगकांग को 6-0 के अंदर से हराया था इस प्रतियोगिता के फाइनल मैच में जबलपुर के खिलाड़ी तरुण कुमार ने अहम भूमिका निभाई. तरुण कुमार ने तीन-तीन गोल की बराबरी होने पर अंतिम पलों में आखिरी गोल दाग कर ऐतिहासिक जीत दिलाई भारत की तरफ से प्रतियोगिता में सर्वाधिक गोल करने में उनका दूसरा स्थान रहा. वे जीत के हीरो साबित हुए.
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बड़ा संघर्ष पूर्ण रहा तरुण कुमार का जीवन
तरुण कुमार का जीवन बड़ा संघर्ष पूर्ण रहा है बचपन में दिव्यांगता के चलते उसके पिता तरुण और उसकी मां से अलग हो गए. लेकिन तरुण की मां संगीता ठाकुर ने हार नहीं मानी और अपने बेटे को जस्टिस तन्खा मेमोरियल स्कूल में दाखिला कराया जहां तरुण की प्रतिभा निखर कर सामने आई तरुण पढ़ाई में तो अच्छे हैं ही खेल में भी अपना लोहा मनवाते हैं करीब 5 साल पहले तरुण ने फुटबॉल में रुचि दिखाई जिसके बाद बेहतर कोचिंग पाकर तरुण का खेल निखरा और उसका राष्ट्रीय टीम में चयन हुआ.