MP News: जबलपुर शहर भारतीय सेना के लिए घातक हथियारों को बनाने के साथ-साथ सुरक्षित वाहन बनाने के लिए भी अलग पहचान रखता है. जबलपुर की वाहन निर्माणी ने अब तक के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल को तैयार कर लिया है और 11 सुरंग रोधी वाहनों की आखिरी खेप को भी रवाना कर दिया गया है. वाहन निर्मानी के मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला ने हरी झंडी दिखाकर 11 माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल को रवाना किया.
123 सुरंगरोधी वाहनों को बनाने का मिला था लक्ष्य
बता दें कि, जबलपुर वाहन निर्माणी को सीआरपीएफ से 123 माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकलों के अपग्रेड वर्जन का प्रोडक्शन का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसे वाहन निर्माणी ने समय पर पूरा कर लिया है सबसे खास बात यह है कि वाहन निर्माणी द्वारा सुरंग रोधी वाहन का जो अपग्रेड किया गया है वह भारतीय जवानों के लिए सुरक्षा कवच से काम नहीं है यह माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल भारतीय सेना को नक्सली अभियानों समेत अन्य ऑपरेशंस में बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित होगा. वाहनों का अपडेट वर्जन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की मांग को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
एक साथ बैठ सकते है 12 जवान बैठकर
दरअसल, वाहन निर्माणी जबलपुर में पहले भी माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल तैयार किए जाते थे. लेकिन सशस्त्र बलों की मांग को देखते हुए माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल में हाल ही में कई बदलाव किए गए हैं और यह अपग्रेड वर्जन में आ गए हैं वाहन निर्माणी जबलपुर ने 123 माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल का अपग्रेड वर्जन बनाकर सशस्त्र बलों को आपूर्ति किया है इस सुरंगरोधी वाहन वातानुकूलित होने के साथ-साथ सेंसर कैमरा और 12 सूट नोक विंडो की व्यवस्था की गई है स्टेलियन का इंजन लगाया गया है और वाहन के अंदर सेटिंग क्षमता को बढ़ाकर 12 की गई है यानी अब एक बार में माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल के अंदर 12 जवान बैठकर नक्सली ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं वाहन विशेष परिस्थितियों में भीतर से अभियान चलाकर हमला करने में सक्षम बनाया गया है.