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MP News: जबलपुर में फर्जी अंक सूची के आधार पर महिला कर रही थी भृत्य की नौकरी, शिकायत के बाद पूरे मामले का हुआ खुलासा

In the investigation conducted after the complaint, the woman's marksheet was found to be fake.

शिकायत के बाद की गई जांच में महिला की अंकसूची फर्जी पाई गई.

MP News: सरकारी नौकरी के लिए लोग किस हद तक जा सकते हैं इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है जबलपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां अनपढ़ महिला पिछले 30 सालों से शिक्षा विभाग में फर्जी अंक सूची के आधार पर भृत्य की नौकरी कर रही थी. इन 30 सालों में महिला के निरक्षर होने का किसी को अंदाजा भी नहीं हुआ.

शिकायत से हुआ मामले का खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ जब एक शिकायत की गई. जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई है. कक्षा 5वीं-8वीं की फर्जी अंकसूची के आधार पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सभाग जबलपुर में भृत्य के पद पर 30 साल से नौकरी कर रही निरक्षर महिला के खिलाफ बेलबाग पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया. यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है.

फर्जी अंकसूची के आधार पर कर रही थी नौकरी

दरअसल, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग जबलपुर में अनीशा बेगम की नियुक्ति हुई. आठ मई 1995 को उसे नियुक्ति आदेश जारी हुआ था. इसके बाद से वह भृत्य की नौकरी करने लगी. 30 साल बाद हाल ही में आला अधिकारियों को शिकायत मिली की अनीशा की अंकसूची फर्जी हैं. इसके बाद जांच के आदेश दिए गए. जांच के दौरान पूछताछ में अनीशा ने बताया कि वह निरक्षर है. इसके बाद अंकसूचियों की जांच शुरू हुई. पांचवी की अंकसूची में उसकी जन्मतिथि 11 जून 1964 दर्ज और आठवीं की अंकसूची में सात जुलाई 1965 अंकित है.

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पुलिस कर रही मामले की कार्रवाई

पांचवीं की परीक्षा में स्वाध्यायी अंकित था, जबकि आठवीं की अंकसूची में केंद्राध्यक्ष के स्थान पर प्राचार्य जनता स्कूल पसियाना जबलपुर की पद मुद्रा सहित हस्ताक्षर हैं. संस्था प्रधान के स्थान पर केन्द्राध्यक्ष के हस्ताक्षर और सभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा की पद मुद्रा अंकित है. अनीशा की सेवा पुस्तिका की जांच की गई तो उसमें पांचवीं पास होने की जानकारी दर्ज थी. यह भी पता चला कि पांचवी की फर्जी अंकसूची बनाकर उसने नौकरी प्राप्त की थी. बाद में आठवीं की भी फर्जी अंकसूची बनाई. जांच के बाद उस पर FIR दर्ज की गई है.

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