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MP News: जबलपुर में एंबुलेंस माफिया का खेल, सरकारी अस्पताल की जगह प्राइवेट मे कराया भर्ती, 2 ड्राइवर समेत तीन कर्मी सस्पेंड

Collusion is coming to light between private hospitals and 108 ambulance operators.

निजी अस्पतालों और 108 एंबुलेंस संचालकों के बीच मिलीभगत सामने आ रही है.

MP News: एंबुलेंस माफिया अब कुछ इस कदर हावी हो गया है कि बड़े से बड़े हादसे में भी वह अपना फायदा देखते हैं. जबलपुर में ऐसे ही घटना सामने आई जिसके बाद प्रशासन ने 108 एंबुलेंस के दो ड्राइवर और समेत तीन कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है.

यह है मामला

बीते दिन जबलपुर के सिहोरा में बीते दिन हुए सड़क हादसे में 11 मजदूर घायल हुए थे. इनमें से 2 घायल मजदूरों को सिहोरा के सिविल अस्पताल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर रेफर किया गया था लेकिन 108 एंबुलेंस चालक और स्टाफ द्वारा इन्हें मेडिकल कॉलेज के स्थान पर राइट टाउन स्थित मोहनलाल हरगोविंद दास हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया. इस निजी अस्पताल में घायलों को भर्ती करने के पहले 108 एम्बुलेंस के स्टाफ के द्वारा मेडिकल कॉलेज में घायलों की नाम की पर्ची भी कटवाई गई. लेकिन उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने की बजाय निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया.

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निजी अस्पताल और 108 एंबुलेंस संचालकों के बीच मिली भगत

साफ़ तौर पर समझा जा सकता है कि इस मामले में निजी अस्पतालों और 108 एंबुलेंस संचालकों के बीच मिलीभगत चली आ रही है. यही वजह है कि कमीशन खोरी के चक्कर में एंबुलेंस संचालक मरीजों की हालत पर भी ध्यान ना देते और सीधे उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करा देते हैं. एंबुलेंस संचालकों और निजी अस्पतालों के मिली भगत की इसी मामले को लेकर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस पूरी घटना की जांच के निर्देश दे दिए हैं इसके साथ ही 108 एंबुलेंस सेवा के जोनल मैनेजर और ऑपरेशन मैनेजर को भी नोटिस जारी किया है इस मामले के सामने आने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को सीहोर अस्पताल ले जाया गया है जहां उनकी हालत काफी बेहतर है.

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