MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दो महिलाओं को बरी किया है. दोनों महिलाओं पर हत्या का आरोप था. 14 साल पुराने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए महिलाओं को बरी किया और निचली अदालत के फैसले को गलत बताया.
क्या है पूरा मामला ?
ये मामला खंडवा का है जहां से पुलिस की लापरवाही सामने आई है. ये केस हरी उर्फ भगू की मौत से जुड़ा है. हरी की मौत 21 सितंबर 2008 को हुई थी. हरी के बड़े भाई की मौत के बाद उसकी पत्नी सूरज बाई साथ में रहती थी. एक दिन सूरज और हरी के बीच विवाद हो गया और हरी ने धारदार हथियार से हमला किया था. बाद में हरी का शव पेड़ से लटकता मिला.
इसके बाद सूरज बाई और हरी की पत्नी भूरी शव को लेकर अस्पताल पहुंची. जहां डॉक्टर्स ने हरी को मृत घोषित कर दिया. इस मामले में पुलिस को शामिल किया गया. पुलिस ने सूरज बाई और हरी बाई के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. पुलिस का कहना था कि सूरज और भूरी बाई ने हरी को जहर दिया और गला घोंट कर मार दिया.
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गवाहों और पुलिस कर्मियों के खिलाफ हो कार्रवाई- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने पुलिस को मामले में लापरवाही बरतने के लिए दोषी बताया है. थाने के टीआई, जांच में शामिल पुलिसकर्मियों और गवाहों पर मुकदमा दायर किया जाए. इसके अलावा गवाहों के खिलाफ मुकदमा दायर करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा दो महिलाओं के खिलाफ गलत सबूत और गवाही दी गई इसलिए गवाहों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
निचली अदालत का बरती लापरवाही- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने निचली अदालत को फटकार लगाते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान लापरवाही बरती. हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है, ‘निचली अदालत को यह समझना चाहिए कि वे एक व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता से निपट रहे हैं और किसी को भी कानून के ठोस सिद्धांतों के बिना दंडित नहीं किया जाना चाहिए.’