MP News: हाथों में फाइलों की जगह नारियल, वकील की जगह पुजारी, जज के स्थान पर भगवान श्री गणेश और अदालत की जगह मंदिर जबलपुर का सिद्ध गणेश मंदिर किसी अदालत से कम नहीं हैं. यहां फैसला खुद भगवान गणपति करते हैं. लेकिन गणेश उत्सव के दौरान तो सिद्ध मंदिर में विराजे गणपति के पास बिल्कुल भी समय नहीं रहता. उनका पूरा दिन दीन-दुखियों की अर्जियों को सुनने में ही बीत जाता है. लोग सुबह से लेकर रात तक भगवान गणेश की अदालत में अपनी मनोकामना की अर्जी लगते है.
भक्तों का मानना पूरी होती है मनोकामना
कहा जाता है कि बारह दिनों तक चलने वाले विनायक के जन्मोत्सव के दौरान भक्त उनसे जो भी मनोकामना करते है वह जरुर पूरी होती है. सिद्ध गणेश मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर में मजदूर से लेकर जज तक और देश से लेकर विदेश तक के भक्त अर्जी लगाने आ चुके हैं.
कोई नौकरी के लिए अर्जी लगाता है तो कोई संतान प्राप्ति के लिए यहां भक्त अपनी हर तरह कि मनोकामना के लिए एक रजिस्टर में अपनी अर्जी लिखवाते हैं जिसे मंदिर के पुजारी भगवान गणेश के सामने पढ़ कर सुनाते है. कोर्ट फीस के रूप में एक नारियल भेंट किया जाता है. वैसे तो मंदिर में सालभर अर्जियां लगाई जाती है. लेकिन गणेश उत्सव के दौरान इनकी संख्या बढ़ जाती है. प्रधान पुजारी बताते है कि मंदिर में अबतक एक लाख से ज्यादा अर्जियां आ चुकी है. जिसका पूरा लेखा जोखा मंदिर के पास सुरक्षित है.
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मंदिर निर्माण के लिए लगाई गई थी अर्जी
मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर के निर्माण के लिए भगवान श्री गणेश के सामने पहले अर्जी लगाई गई थी क्योंकि निर्माण के वक्त रेलवे बोर्ड की परियोजना में मंदिर की जमीन आ गई थी ऐसे में मंदिर निर्माण में एक बड़ी बाधा आकर खड़ी हो गई थी लेकिन भगवान गणेश ने हर बाधा को दूर कर मंदिर निर्माण पूरा कराया.
सिद्ध गणेश मंदिर में लोगों की भी अटूट श्रद्धा है. यहां रोजाना हजारों भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं. और अपनी मनोकामना प्राप्ति के लिए अर्जियां लगाते हैं. लोगों का कहना है कि भगवान गणेश की उन पर ऐसी कृपा रही कि हर काम सिद्ध होते गए. ऐसी ही मान्यताओं के चलते मंदिर की प्रसिद्धि भी दिनों दिन आसमान छू रही है. और मंदिर में बप्पा के दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं.
वैसे तो सिद्ध गणेश मंदिर में पूरे साल विशेष पुजन अर्चन होता है…और रोजाना है कि भक्तों का तांता लगा रहता है. लेकिन गणेश उत्सव के दौरान मंदिरों में हजारों की संख्या में भक्त आते है. गणेश मंदिर में भगवान का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. प्रतिदिन गणेश जी का अलग-अलग स्वरुप में श्रृंगार करके उन्हें उसी के अनुसार भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी को मनोकामना के लिए रखे लाखों नारियल का हवन भी किया जाता है.