CM Mohan Yadav: देश मे लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, ऐसे मे सभी दलों को यह बात पता है की दिल्ली का रास्ता उत्तरप्रदेश और बिहार से होकर ही जाता है. यूपी मे 80 तो बिहार मे 40 लोकसभा सीट मे बढ़त बनाने के लिए सभी दल एड़ी चोटी का जोर लगाते हैं. इस बार यहाँ के ओबीसी और यादव वोटर्स को लुभाने भाजपा ने ट्रम्प कार्ड खेला. भाजपा ने इस बार बीते वर्ष मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ओबीसी और यादव समाज से आने वाले विधायक व पूर्व मंत्री मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया जो एक रणनीति का हिस्सा था. अब एमपी के मोहन यूपी, बिहार सहित अलग अलग राज्यों मे जाकर ओबीसी और यादव वोटर्स को साधने मे लगे हुए हैं. यूपी बिहार मे उनकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है.
मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अब तक 7 राज्यों में 15 से अधिक चुनावी सभाएं व रोड-शो कर चुके हैं. इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ शामिल है. इनमें से उत्तरप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां उन्होंने सर्वाधिक सभाएं व रोड शो किए.
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सीएम मोहन यादव के अब तक चुनावी दौरे
15 मई को हरियाणा के रोहतक का दौरा किया.
16 मई को झारखंड में चुनाव प्रचार किया.
17 मई को फिर उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार किया.
18 मई को मुंबई में चुनाव प्रचार किया.
19 मई को फिर उत्तर प्रदेश में प्रचार किया.
22 प्रत्याशियों की नामांकन रैली मे शामिल हुए.
प्रदेश के 13 जिलों में रात्रि प्रवास किया.
27 में से 7 सीटों में दौरे प्रस्तावित
बता दें कि, अभी भी मुख्यमंत्री की मांग राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए खत्म नहीं हुई है, बल्कि सातवें चरण की 27 में से 7 सीटों पर उनकी सभा व रोड शो प्रस्तावित है. असम में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ ही भाजपा भी ओबीसी, एसटी-एससी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है. भाजपा ने इसके लिए मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बड़ा चेहरा बनाकर उतारा है. वह लगातार दौरे कर रहे हैं. चूंकि यूपी व बिहार में यादव एक बड़ा वोट बैंक है, यूपी मे कुल ओबीसी वोटर बीस फीसदी हैं, जिसमे यादव 9 फीसदी हैं. इसके अलावा यूपी की 11 लोकसभा सीटों पर यादव वोटर निर्णायक हैं, जिस पर पार्टी की नजर है. इन्हें साधने के लिए पार्टी ने प्रदेश से डॉ. मोहन को आगे किया है. यूपी में छठवे चरण में 15 से अधिक लोकसभा सीट पर सभाओं के बाद सातवें चरण के लिए भी सीएम डॉ. मोहन की मांग आ रही है. आने वाले समय में इनमें से करीब 7 सीटों पर उनके कार्यक्रम प्रस्तावित है. कुलमिलाकर ऐसा माना जा सकता है की राष्ट्रीय राजनीति के पटल पर एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव को भाजपा ओबीसी, यादव नेता के तौर पर स्थापित कर एक संदेश देना चाहती है.