मुरैना: मध्य प्रदेश में गौशालाओं के बजट को लेकर सीएम ने कहा था सभी गौशालाओं के लिए एक अलग से राशि जारी की जाएगी. साथ ही सभी गौशालाओं में गौवंशो के बेहतर रख रखाव के लिये निर्देश भी सीएम के जारी किए थे. जिसके बाद प्रदेश की सभी गौशालाओं को बजट जारी किया गया. लेकिन अब कई गौशालाओं में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. अभी मुरैना जिले की 29 शासकीय गौशालाओं में 1879 गोवंश दिखाकर पशु पालन विभाग द्वारा भूसा व सुदाना के नाम पर करीब 34 लाख रुपए की राशि जारी की गई. जबकि धरातल पर हालात कुछ और ही है. इन गोशालाओं में बिजली व पानी की सही तरीके से व्यवस्थाएं तक नहीं हैं. इन गोशालाओं में दर्ज संख्या के मान से गोवंश न के बराबर है. कुछ गोशालाओं में पालतू गोवंश, तो किसी में भैंसों का पालन हो रहा है.
गंदगी के बीच रहने को मजबूर गौवंश
जिले के मुरैना विकासखंड की सात ग्राम पंचायत, जौरा में दो, पहाडगढ़़ में छह, सबलगढ़ में छह, अंबाह में तीन, पोरसा में दो, कैलारस विकासखंड में तीन गौशालाओं के लिए करीब 34 लाख रुपए की राशि वर्ष 2020 से 2023 तक अलग- अलग तारीखों में जारी की गई. लेकिन गौशालाओं में व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ नहीं हैं. गौशालाओं जो गोवंश हैं, वह गंदगी के बीच रह रहे है. कुछ गौशालाओं तो ऐसी हैं जिनको पांच माह व नौ माह पूर्व ही लाखों रुपए पशु पालन विभाग से जारी किए गए हैं जबकि वहां दर्ज संख्या के मान से वर्तमान में दस प्रतिशत भी गोवंश नहीं हैं. जौरा की रुनीपुर व अलापुर की गौशालाओं को क्रमश: नौ माह पूर्व 96600 व पांच माह पूर्व 156600 रुपए की राशि जारी की गई है. जबकि इनमें गोवंश न के बराबर है.
मुख्यमंत्री के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
विडंवना इस बात की है कि पशु पालन विभाग के जिम्मेदारों द्वारा पैसा जारी करने से पूर्व भौतिक सत्यापन नहीं किया जाता, इसलिए गोवंश के नाम पर मनमानी की जा रही है. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि गोवंश की मृत्यु होने पर उसका नियमानुसार दाह संस्कार किया जाए लेकिन धनेला गौशाला के बाहर गोवंश को आवारा कुत्तों द्वारा नोंचा जा रहा है, कोई देखना वाला ही नहीं हैं. जिले में 29 शासकीय गोशाएं होने के बाद भी आवारा गोवंश लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है.
धनेला गोशाला के बाहर दम तोड़ रहा गोवंश
शासकीय गोशाला धनेला में दर्ज 65 गोंवश पर वर्ष 2020 में चारा भूसा के लिए 87750 रुपए और सुदाना हेतु 29250 रुपए की राशि दी गई थी. उसके बाद लगातार गोशाला को सहयोग राशि जारी की जा रही है लेकिन स्थिति यह है कि वर्तमान में गोशाला में 20-25 गोवंश हैं. गोशाला में लंबे समय से सफाई नहीं हुई है. गोबर के ढेर पर गोवंश बैठे हुए रहते हैं. गोशाला के बाहर गोवंश दम तोड़ रहा है.
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जारोनी में सिर्फ पांच दुधारू गोवंश बंधे थे
शासकीय गोशाला जारोनी में भूसा भंडार पूरी तरह खाली पड़ा था. पांच गाय दुधारू रस्सी के साथ बंधी थीं, ऐसा लग रहा था कि पंचायत के जिम्मेदारों ने वहां बांध दी हों क्योंकि गौशाला में गोवंश खुला रहता है, यहां रस्सी से बंधे हुए थे. इस गोशाला में 35 गोवंश दर्ज है और वर्ष 2020 चारा भूसा के लिए 47250 व सुदाना हेतु 15750 रुपए कुल राशि 63000 रुपए जारी की गई. उसके बाद समय समय पर गौशाला को पैसा जारी किया जा रहा है.
चुरहेला गोशाला में हो रहा भैंस पालन
शासकीय गोशाला में गोवंश के साथ भैंस पालन भी हो रहा है. यहां शासकीय रिकॉर्ड में छह माह पूर्व यानि कि 12 जून 2023 को 60 गोवंश के नाम पर चारा भूसा के लिए 81000 और सुदाना के लिए 27000 कुल 108000 रुपए जारी किए गए हैं जबकि वर्तमान में यहां दस-बारह गोवंश और पांच भैंसों का पालन हो रहा है. गोशाला परिसर में गोबर के काफी सारे ढेर लगे हुए हैं.
अलापुर गोशाला में 87 में से सिर्फ तीन गोवंश
जौरा विकासखंड की शासकीय गौशाला अलापुर को पांच माह पूर्व यानि कि 5 सितंबर 2023 को 87 गोवंश के नाम पर चारा भूसा के लिए 117450 व सुदाना हेतु 39150 रुपए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा दिए गए हैं. जबकि वर्तमान में गोशाला में सिर्फ तीन गोवंश ही है. यहां शासकीय धन का दुर्पयोग किया गया है. रूनीपुर गौशाला बंद पड़ी मिली चारा खाने की जगह पर एक बछड़ा मृत पड़ा मिला. मौके पर 15 गोवंश मिले ग्रामीणों का कहना था कि चौकीदार 3 से 4 दिन में एक बार आता है. खाने के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं है.
वहीं जब संचालक आरपीएस भदौरिया से इस विषय में सावाल पूछा गया कि जिले में कितनी शासकीय गोशालाएं हैं जिनको राशि जारी की जा रही है. तो जवाब मिला कि दस अशासकीय व करीब 28 गोशालाएं शासकीय हैं, जिनको राशि जारी की जा रही है.