Vistaar NEWS

MP News: सड़कों पर फिर से दौड़ेगी Pink Bus, महिलाओं के हाथ में कमान, सुरक्षित होगा सफर

MP News: मध्य प्रदेश सरकार अब महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के 20 से अधिक शहरों में पिंक बसें शुरू करने जा रही हैं. इसमें चालक, परिचालक और यात्री सभी महिलाएं होंगी. दरअसल महिला सशक्तिकरण, महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार पिंक बसों को लेकर आ रही है. जिसके जरिए प्रदेश सरकार बस में सफ़र के दौरान महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने कोशिश करेगी. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने प्रदेश में पिंक बसों की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया है. फिलहाल, बसों को महिलाओं के सबसे ज्यादा आवा-गमन वाले क्षेत्रों जैसे शैक्षणिक और इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में लाई जाएगी.

इस बस में क्या है खास?

पिंक बसों में सिर्फ महिलाएं ही सफर करेंगी. इनमें चालक और परिचालक भी महिलाएं ही होंगी. जिनके लिए ड्रेस कोड अनिवार्य होगी. महिला ड्राइवरों को ट्रेनिंग और लाइसेंस भी दिया जाएगा. कमांड सेंटर से निगरानी की जा रही इन बसों में सिटी बसों की तरह पैनिक बटन और मोबाइल एप के जरिए GPS ट्रैकिंग की सुविधा भी होगी, ताकि महिलाएं निडर होकर ट्रैवल कर सकें.

डिजिटल पेमेंट की भी सुविधा महिला यात्रियों को मिलेगी. सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजनों के लिए अलग से सीट रिजर्व रहेगी. प्रदेश में जेएनएनयूआरएम एवं अमृत योजना के तहत 13 हजार बसों का संचालन किया जा रहा है, वहीं अब 16 नगर पालिक निगमों छिंदवाड़ा, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, सिंगरौली, मुरैना, उज्जैन, रतलाम, इंदौर, भोपाल, सतना, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, कटनी तथा भिंड, गुना, शिवपुरी और विदिशा में नगर पालिका परिषद में पिंक बसों को चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

यह भी पढ़े: Sameer Wankhede के खिलाफ एक्शन, ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस, CBI पहले ही ले

बसों की स्थिति

राजधानी भोपाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर करीब 200 बसे चल रही हैं. लेकिन अभी एक भी बस महिलाओं के लिए समर्पित नहीं है. आरक्षित बस न होने के कारण महिलाओं को बसों में भीड़भाड़ में यात्रा करनी पड़ती है. इससे कामकाजी महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है. क्योंकि पीक ऑवर्स में छेड़छाड़ और चोरी की घटनाएं ज्यादा होती हैं. सुबह 10 बजे से नौकरी पर जाने के लिए और शाम 6 बजे से रात 9 के बीच दफ्तर से घर वापसी के लिए सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन जरूरी है.

 

पहले भी आ चुकी है पिंक बस

साल 2011 में पहली बार महिलाओं के लिए पिंक बसों की सेवा शुरू हुई थी. यात्रियों की कमी का हवाला देते हुए इसे हटा भी दिया था. लेकिन इस बार पूरी प्लानिंग के साथ इसे दोबारा लाया जा रहा.

Exit mobile version