MP News: झाबुआ में मृदा परीक्षण केंद्रों की हो रही दुर्दशा, 6 में से 5 बंद, कहीं जर्जर भवन तो कहीं असामाजिक तत्वों ने डाला डेरा

MP News: जिले के कृषकों को मृदा परीक्षण करने के लिए झाबुआ की प्रशिक्षण शाला में जाना पड़ता है. किसानों का आरोप है की कई बार इस प्रशिक्षण शाला में अधिकारी नहीं मिलते हैं.
The soil testing centers of Jhabua are falling prey to the plight.

झाबुआ के मृदा परीक्षण केंद्र दुर्दशा के शिकार हो रहे हैं.

MP News: झाबुआ जिले में लाखों रुपए की लागत से बनाई गए मृदा परीक्षण केंद्रो की दुर्दशा हो रही है. कहीं भवन जर्जर है तो कहीं भवन में लोग रह रहे हैं. कही भवन सुने पड़े है. तो कही भवनों में असामाजिक तत्वों का डेरा है. मृदा परीक्षण भवन में चोरियां भी हो चुकी है. शासन की महत्वपूर्ण योजना का झाबुआ जिले में पलीता लगlता हुआ दिखाई दे रहा है.

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नहीं की गई भर्ती

झाबुआ जिले में कुल 6 मृदा प्रशिक्षण केंद्र है. इन परीक्षण केंद्रो में मात्र एक जिला स्तर का प्रशिक्षण केंद्र चालू हालत में है. वहीं अन्य 5 विकासखंडों पर बनाए गए परीक्षण केंद्रों में कहीं धूल जम रही है. तो कहीं लोग रहने लग गए हैं. 2015 में बने इन मृदा परीक्षण केंद्रों के भवन अब जर्जर हालत में पहुंच रहे हैं. शासन द्वारा इन मृदा परीक्षण केंद्रो के लिए मशीनें, कंप्यूटर तो लगा दिए. लेकिन इन्हें चलाने के लिए लैब टेक्नीशियन, अन्य स्टाफ से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक की भर्ती नहीं की गई है. इस वजह से यहां के मृदा परीक्षण केंद्र दुर्दशा के शिकार हो रहे हैं.

ज्यादातर बंद ही रहती है प्रयोगशाला

इधर पूरे जिले के कृषकों को मृदा परीक्षण करने के लिए झाबुआ की प्रशिक्षण शाला में जाना पड़ता है. किसानों का आरोप है की कई बार इस प्रशिक्षण शाला में अधिकारी नहीं मिलते हैं. तो कई बार प्रयोगशाला बंद ही मिलती है. वही ग्रामीण अंचलों से लंबी दूरी होने के कारण कृषक जिले की प्रशिक्षण शाला में नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में लाखों रुपए खर्च कर, किसानों को लाभ पहुंचाने के जिस उद्देश्य के साथ शासन ने प्रशिक्षण शाला शुरू करने की सोची है. वह उद्देश्य फिलहाल पूरा होता नही दिख रहा है.

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चोरों ने बनाया निशाना, चुरा ले गए इनवर्टर की बैटरी, कंप्यूटर, पंखे

थांदला का यह मृदा परीक्षण केंद्र वर्ष 2015 में बनकर तैयार हो चुका था. यहां पर मृदा परीक्षण करने के लिए कई मशीनों के साथ कंप्यूटर, इनवर्टर, बैटरी भी सभी सामानों के साथ आई थी. लेकिन कुछ दिनों तक यह प्रयोगशाला सुनसान रही. जिसका फायदा उठाकर चोरों में यहां से इनवर्टर की बैटरी, कंप्यूटर, पंखे और अन्य सामानों को चोरी कर लिया. जिसकी रिपोर्ट तत्कालीन अधिकारी द्वारा थाना थाने में भी दिखाई गई थी.

मृदा परीक्षण केंद्रों रह रहे लोग

धीरे-धीरे यहां पर कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों का परिवार रहने लग गया. अब इन कमरों में मृदा परीक्षण के लिए बुलवाई गई मशीनों की जगह इन कमरों में रहने वाले परिवारों के गृहस्थी के समान मौजूद हैं. कुछ मशीनों को कमरे की जगह बाहर बरामदे में रख दिया है तो कुछ मशीनों का पता ही नही है. यहां लंबे समय से निवास कर रहे लोगों के कारण भवन कई जगह से जर्जर हो चुका है. इधर कृषक टकटकी लगाए मृदा परीक्षण भवन के शुरू होने का वर्षों से इंतजार कर रहे हैं. इस संबंध में अधिकारियों का कहना है की शासन द्वारा अभी तक मृदा परीक्षण केंद्र के लिए स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में मृदा परीक्षण केंद्र को शुरू नहीं किया गया है.

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