MP News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया है. जिले के चार सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों पर 19 लाख रुपए से अधिक की वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगा है. यह खुलासा लोक शिक्षण संचनालय भोपाल द्वारा की गई ऑडिट में हुआ है.
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, इन प्राचार्यों ने आहरण और वितरण अधिकार का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन का गलत उपयोग किया. रीवा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इन प्राचार्यों को राशि वसूलने और सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश दिए हैं. साथ ही, राशि वापस करने की एक समय सीमा भी निर्धारित की गई है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ऑडिट के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर इन प्राचार्यों को नोटिस जारी किया गया था. हालांकि, उनके द्वारा दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, जिसके बाद वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.
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वसूली के आदेश
शासकीय हाई स्कूल अमिलिया पूर्वा के पूर्व प्राचार्य दिनकर प्रसाद पांडे से 19 लाख 7 हजार 141 रुपए वसूले जाएंगे.
शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवा के प्रदीप कुमार द्विवेदी से 17 लाख 28 हजार 600 रुपए वसूले जाएंगे.
शासकीय हाई स्कूल कठेरी के श्रीलाल साकेत से 37 हजार 924 रुपए वसूले जाएंगे.
शासकीय हाई स्कूल टांगहा के मिठाई लाल बांसफोर से 9 हजार 938 रुपए वसूले जाएंगे.
सरकारी धन का हुआ दुरुपयोग: जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि लोक शिक्षण संचनालय भोपाल ने पहले ही विद्यालयों की ऑडिट जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे. जांच के दौरान पाया गया कि इन प्राचार्यों ने शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया, जिससे शासन को आर्थिक हानि हुई.
अब प्रशासन ने इन वित्तीय गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं और संबंधित राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह मामला इस बात को उजागर करता है कि स्कूलों के विकास और छात्रों की सुविधाओं के लिए आवंटित धन का सही उपयोग होना कितना महत्वपूर्ण है.