MP News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संस्कारधानी जबलपुर में अनोखी तरंग यात्रा निकाली गई. यह यात्रा जबलपुर के जिलहरी घाट से शुरू होकर तिलवारा घाट तक चली सबसे खास बात यह रही लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर नर्मदा नदी के तेज बहाव में तैरकर का यात्रा पूरी की.
वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा क्षेत्र
बरगी बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा नदी में तेज बहाव है इसके बावजूद भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ नर्मदा नदी के तेज बहाव में सैकड़ो की संख्या में तैराक हाथों में तिरंगा लेकर कूद गए और तैर कर नर्मदा को पार किया. पूरी यात्रा के दौरान तैराकों का जोश देखने लायक होता है पूरी नर्मदा नदी वंदे मातरम के नारों से गूंज रही थी जबलपुर में यह यात्रा 2005 से लगातार निकल जा रही है 14 अगस्त के दिन इस यात्रा को निकालने का मुख्य मकसद अखंड भारत का संदेश देना है. इस यात्रा में 11 साल के बच्चे से लेकर 71 साल तक की बुजुर्ग भी शामिल होते हैं महिलाएं और युवा भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
साल भर चलता है तैराकों का प्रशिक्षण
इस अनोखी तिरंगा यात्रा को सफल बनाने के लिए तैराक साल भर प्रशिक्षण लेते हैं नर्मदा के तट जिलहरी घाट में सुबह 5:00 से ही तैराकों का प्रशिक्षण शुरू हो जाता है जो लोग नर्मदा नदी में तैराकी की सीखना चाहते हैं वह भी साल भर प्रशिक्षण लेते हैं और फिर 14 अगस्त के दिन इस यात्रा में शामिल होकर अपना नाम दर्ज कर लेते हैं इस तरह की प्रशिक्षण में कुशल तैराक बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक तैराकी सीखते हैं. जिलहरी घाट में नर्मदा का तेज बहाव साल भर बना रहता है साथ ही यह घाट ज्यादा गहरा भी नहीं है. इसलिए यहां तैराकी सीखना आसान होता है लेकिन इस प्रशिक्षण की परीक्षा 14 अगस्त कोई होती है. जब साल भर सीखने वाला तैराक इस यात्रा में शामिल होकर अखंड भारत के संदेश को जन-जन तक पहुंचता है.