खंडवा से शेख शकील की रिपोर्ट-
MP News: सूर्य की उपासना का पावन महापर्व छठ 25 अक्टूबर से शुरू हो गया है. श्रद्धा और शुद्धता का यह प्रतीक पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें शरीर, मन और वातावरण सबकी पवित्रता का ध्यान रखा जाता है.
छठ की तैयारी ‘नहाय-खाय’ से शुरू होती है. इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) शुद्ध भोजन करते हैं. दूसरे दिन खरना में गुड़-चावल और दूध की खीर बनाई जाती है. यह प्रसाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्पित किया जाता है और फिर परिवारजनों में बाँट दिया जाता है. अब यह पर्व सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में भी मनाया जाने लगा है. खंडवा में छठ पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं. यहां छठ पूजा के लिए विशेष रूप से बिहार से पूजन सामग्री मंगाई जाती है.
चार दिनों तक चलता है महापर्व
लोक आस्था के इस पर्व पर देशभर में तैयारियां चल रही हैं. पर्व की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से हो चुकी है. कल पर्व का दूसरा दिन था, जिसे खरना कहा जाता है. इस दिन गुड़-चावल और दूध की खीर बनाई जाती है. यह प्रसाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्पित किया जाता है और फिर परिवारजनों में बाँटा जाता है.
आज पर्व का तीसरा दिन है, और आज व्रती शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. धरती, जल और सूर्य की संयुक्त पूजा का यह अनोखा दृश्य प्रकृति के प्रति मानव की कृतज्ञता को दर्शाता है.
कल पर्व के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. यह जीवन, ऊर्जा और नए आरंभ का प्रतीक है. छठ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला पर्व है.
खंडवा में भी मनाया जाता है छठ महापर्व
पिछले कई वर्षों से खंडवा में भी यह पर्व मनाया जाने लगा है. बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग खंडवा में काम करते हैं. खंडवा में इस पर्व की शुरुआत इस तरह हुई कि पहले एक व्यक्ति छठ पर्व के लिए सूप खरीदने बाजार निकला. वहीं बिहार के अन्य लोग भी सूप खरीदने पहुंचे थे. बातचीत के दौरान सबका एक ग्रुप बन गया और धीरे-धीरे करीब 200 परिवार इस समूह से जुड़ गए. इसके बाद इस पर्व को खंडवा के गणगौर घाट पर मनाया जाने लगा.
बिहार से मंगाई जाती है पूजा सामग्री
बताया जाता है कि छठ पूजा पर लगने वाली कई सामग्री बिहार से मंगाई जाती है, जिनमें खास तौर पर गंगा की मिट्टी, गंगाजल, विशेष प्रकार का नींबू और कुछ फल शामिल हैं, जो खंडवा में नहीं मिलते. इन्हें वहां से मंगवाकर पूजा में उपयोग किया जाता है. खंडवा में रहने वाले बिहार के लोग बताते हैं कि पहले जब वे छठ पूजा पर अपने घर नहीं जा पाते थे, तो उन्हें बहुत याद आती थी. लेकिन अब जब सभी मिलकर यहां सामूहिक रूप से छठ पूजा मनाते हैं, तो उन्हें ऐसा लगता है मानो वे अपने घर पर ही हैं.
लोक आस्था के इस पर्व को देखते हुए खंडवा नगर निगम ने भी विशेष इंतजाम किए हैं. छठ घाट को पूरी तरह सजाया जाता है ताकि व्रती यहां आकर अपना व्रत खोल सकें और छठी मैया की पूजा कर सकें. सुरक्षा व्यवस्था के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि पर्व शांतिपूर्वक और श्रद्धा के साथ संपन्न हो सके.
