MP News: मध्य प्रदेश में वकीलों की जमकर खातिरदारी सरकार कर रही है. भले ही ओबीसी आरक्षण के मामले में 27% का लाभ लोगों को मिल रहा है या फिर नहीं लेकिन वकीलों का जमकर भुगतान फीस के तौर पर सरकार कर रही है. 2 करोड़ 51 लाख का भुगतान किया गया है. सबसे ज्यादा अकेले वकील के एम नटराजन को एक करोड़ 21 लाख का भुगतान किया गया है. इससे स्पष्ट है की ओबीसी आरक्षण के ममले में केस लड़ने वाले वकीलों की मध्य प्रदेश में जमकर चांदी हुई है.
OBC को 27% आरक्षण देने का प्रावधन किया गया था
साल 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकर ने ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का प्रावधन किया था. इसे बाकायदा विधानसभा में कानून के तौर पर परित किया गया. इसके बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी कोर्ट चली गई और फिर यह मामला हाई कोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सरकार की तरफ से कई बड़े वकील खड़े किए गए. साल 2019 से ही कई बड़े वकील ओबीसी ममले की पैरवी भी कर रहे है. इस दौरान सरकार ने वकीलों की जमकर खातीरदरी की. इसके लिए सरकर ने मोटी रकम भी वकीलों पर खर्च की. हालांकि अभी तक मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ है. इस ममले का निराकरण फिलहल नहीं हुआ है. सरकर से पक्ष भी मांगा है.
इन वकीलों को इतना हुआ भुगतान
- तुषार मेहरा – 65 लाख
- के एम नटराजन – 1 करोड़ 21 लाख
- विनायक प्रसाद शाह – 55 लाख
- रामेश्वर सिंह ठाकुर – 42 लाख
- शशांक शेखर तत्कालीन महाधिवक्ता – 8 लाख
13% होल्ड किए जाने पर मुख्य सचिव से मांगा जवाब
सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले वकीलों को 13% होल्ड किए जाने पर जवाब देना है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा मुख्य सचिव से एफिडेविट मांगा गया है. कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा है जो मध्य प्रदेश में 13% होल्ड है. उन पर नियुक्तियां करने पर क्यों परेशानी है. अब सरकार से मोटी रकम लेने वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देनी है हालांकि मामला पेचीदा जरूर है लेकिन लाखों रुपए फीस लेने वाले वकीलों के लिए जवाब देना जरूर आसान होगा.
ये भी पढ़ें: ट्रेन में किसने खींचे उमा भारती के कान? BJP नेता बोलीं- ये मेरे पिछले जन्म में गुरू होंगे, तभी ऐसा किया
