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MP: पशुपालन विभाग का नाम अब गौपालन विभाग होगा, CM मोहन यादव ने कहा- धरती पर जहां गोपाल और गाय हैं, वहीं स्वर्ग है

Chief Minister Dr. Mohan Yadav has announced to rename the Animal Husbandry Department as Cow Husbandry Department.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पशुपालन विभाग का नाम गौपालन विभाग करने का ऐलान किया है.

MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज अपने आवास पर राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन का आयोजन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौशालाओं को लगभग 90 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग में संशोधन का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पशुपालन विभाग की जगह गौपालन विभाग होगा.

‘धरती पर जहां गोपाल और गाय हैं, वहीं स्वर्ग है’

कार्यक्रम को संशोधित करते हुए डॉ मोहन यादव ने कहा, ‘जिनके घर गाय है वह गोपाल है, जिनके गाय है वह गाय वाला है. धरती पर जहां गोपाल और गाय है वही स्वर्ग है. जहां मां की सीमा समाप्त हो जाती है, वहां गौ माता की सीमा शुरू होती है. घर की पहली रोटी गौ माता को देते हैं. शरीर छूटने पर गौदान कराया जाता है. देसी गौ नस्लकी गौमाता को बढ़ावा दिया जा रहा है. आज गाय घर के बिस्तर तक जा रही है. गाय ने किसा का कुछ नहीं बिगाड़ा है. दृष्टि में दोष सब कुछ बर्बाद कर देती है. भारत की आत्मा गांव में बसती है.’

‘MP दूध उद्पादन में नंबर 1 होना चाहिए’

गौशाला सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं की घोषणा की. गौशाला में मौजूद गौवंश को दी जाने वाली अनुदान राशि बढ़ाकर 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दी गई है. CM डॉ मोहन यादव ने कहा, ‘MP दूध उद्पादन में नंबर 1 होना चाहिए. हम वनों में नंबर एक पर हैं. MP नदियों का मायका है. 2003 तक हमारे पशुपालन विभाग का बजट 300 करोड़ था. अब 2600 करोड़ का बजट है.’

वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए डॉ मोहन यादव ने कहा कि गाय का दूध ना खरीदा जाए, इसके कांग्रेस ने षड्यंत्र रचा था. कांग्रेस ने फेट से दूध खरीदने का नियम लगाया था. लेकिन हम गौ संचालन आधुनिक दृष्टि से कर रहे हैं.

‘सड़क की गाय को किसी भी तरह गौशाला पहुंचाएंगे’

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि 5000 हजार से अधिक गाय की गौशाला खोलेंगे. इसके लिए सवा सौ एकड़ जमीन देंगे और अनुदान भी करेंगे. उन्होंने कहा कि सड़क पर घूम रही गाय को किसी भी तरह से गौशाला में पहुंचाएंगे. गौशाला हमारे संवेदनशील है. बारिश में सड़क सूखी होने के कारण वो बैठती है. मच्छर-मक्खी परेशान करते हैं, इसलिए उसे सड़क पर बैठना पड़ता है.

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