MP News: दो बांग्लादेशी नागरिक मीनारा बेगम और मौसूर शेख को बीएसएफ के द्वारा उनके देश में डिपोर्ट किया गया. यह दोनों ही बांग्लादेशी कुछ साल पहले जबलपुर के सबसे पॉश इलाके गोरखपुर में पकड़े गए थे. जब इनसे पुलिस ने पूछताछ की तो बोलचाल की भाषा अलग होने पर शक और गहराया, तब सख्ती से पूछताछ की गई और आरोपियों से नागरिकता संबंधी दस्तावेज मांगे गए, लेकिन महिला और पुरुष कोई भी कागज उपलब्ध नहीं करवा पाए थे.
मालदा के रास्ते बांग्लादेश भेजा गया
इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों पर विदेशी अधिनियम की धारा 14ए के तहत मामला बनाकर जेल भेज दिया. कुछ ही दिनों में आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई. अब जब सजा पूरी हुई तब पुलिस ने आरोपी मोहम्मद मोसूर शेख और मीनारा बेगम को जेल से छूटते ही उनके देश वापस भेज दिया. पुलिस ने आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी कर दोनों को पश्चिम बंगाल के रास्ते मालदा होते हुए बांग्लादेश बॉर्डर तक पहुंचाया, जहां से बीएसएफ ने उनकी वतन वापसी कराई. अब दोनों ही सकुशल अपने देश पहुंच चुके हैं.
दो साल से अवैध तरीके से रह रहे थे
दरअसल, साल 2023 में दोनों आरोपी गुजरात से जबलपुर आए थे और गोरखपुर थाना क्षेत्र से पकड़े गए थे. उनके पास भारत में रहने या पहचान से जुड़े कोई भी वैध दस्तावेज नहीं थे. जांच में यह सामने आया कि दोनों अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और जबलपुर के गोरखपुर के पास एक मैदान में रह रहे थे. स्थानीय नागरिकों ने पुलिस को इनके संदिग्ध होने की जनकारी दी, जब पुलिस ने इनसे पूछताछ कर जानकारी मांगी तो वे हक्के-बक्के रह गए और हकीकत सामने आई.
इसके बाद उन पर प्रकरण दर्ज करके कोर्ट में पेश किया गया था. निचली कोर्ट ने विदेशी अधिनियम की धारा 14-ए के तहत दोनों आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई थी, उसके बाद आरोपियों ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां से उनकी सजा को कम कर दिया गया.
भारतीय कानून के तहत हुई कार्रवाई
जबलपुर सेंट्रल जेल में सजा पूरी होते ही पुलिस ने विदेश मंत्रालय और संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर डिपोर्टशन की प्रक्रिया पूरी की. दोनों बांग्लादेशियों को सड़क मार्ग से 1200 किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद पश्चिम बंगाल बॉर्डर से डिपोर्ट किया गया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इससे पहले भी जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में कई बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से प्रवेश करते हुए पकड़े जा चुके हैं. अवैध घुसपैठ के मामलों को लेकर प्रशासन लगातार सख्ती बरत रहा है और सजा पूरी करने वाले विदेशी नागरिकों की वतन वापसी सुनिश्चित की जा रही है. यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए की गई है.
