हिंदू धर्म के अनुसार, यहां 33 करोड़ देवी-देवता हैं जिनकी पूजा की जाती है. ये मंदिर न केवल धार्मिक विश्वासों के प्रतीक हैं बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विविधता का भी हिस्सा हैं.
सायंकाल में सूर्य देव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में संध्या अर्घ्य के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्पित कर उनकी उपासना की जाती है.
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर दोपहर 3:52 बजे से शुरू होगी और 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी.
1 नवंबर को सूर्यास्त के बाद अमावस्या केवल कुछ मिनट तक रहेगी, जिससे लक्ष्मी पूजन संभव नहीं होगा. वहीं, 31 अक्टूबर की अर्धरात्रि को लक्ष्मी पूजन के लिए उचित समय रहेगा.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 600 सालों से चली आ रही इस परंपरागत दशहरा मेले की कई रोचक कहानियां हैं। 75 दिनों तक चलने वाले इस विश्व प्रसिद्ध दशहरा मेला में सबसे खास यह है कि यहां रावण दहन नहीं होता।
जो भक्त माता कालरात्रि स्वरूप के दर्शन और पूजन करता हैं, उसके जीवन से भय, रोग और शत्रुओं का नाश होता है. इसके अलावा भूत प्रेत बाधा से भी उन्हें मुक्ति मिल जाती है.
Navratri 2024: मां महागौरी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और इनकी पूजा से व्यक्ति के सभी पाप और दुख दूर हो जाते हैं. इनकी आराधना से जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है.
Hartalika Teej: हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की तृतीया तिथि कल 5 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 6 सितंबर यानी आज दोपहर में 3 बजकर 01 मिनट पर होगा.
Krishna Janmashtami: देश भर में जन्माष्टमी को धूम धाम से मनाया जा रहा है. वहीं भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में भी जन्माष्टमी को लेकर विशेष तैयारियां की गई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव सुबह पांच बजे से शुरू हो गया है.
Raksha Bandhan: भद्रा नक्षत्र हिंदू धर्म के मुताबिक बहुत ही अशुभ मन जाता है. इस नक्षत्र में कोई भी काम करना अशुभ माना जाता है. इस साल रक्षाबंधन के दिन भी भद्राकाल रहने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष भद्रा नक्षत्र रात 2 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुकी है