SAFF U19 Women’s Championship: भारत की जीत के बाद बांग्लादेशी फैंस की शर्मनाक हरकत, किया पथराव, बदलना पड़ा मैच का नतीजा

SAFF Women’s U-19 Championship: करीब एक घंटे तक स्टेडियम में बांग्लादेशी दर्शकों ने बवाल काटा जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को एक्शन लेना पड़ा
SAFF u19 Football

भारत और बांग्लादेश के खिलाड़ी (फोटो- @IndianFootball)

SAFF U19 Women’s Championship: बांग्लादेश में एक बार फिर खेल के मैदान पर भी वो सब देखने को मिला, जो किसी भी खेल के लिए कहीं से भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है. दरअसल, सैफ महिला अंडर-19 फुटबॉल चैम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला मेजबान बांग्लादेश और भारत की टीम के बीच खेला गया और आखिर में दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया. लेकिन ये मैच कांटे के मुकाबले के बजाय बांग्लादेशी दर्शकों के बवाल और उपद्रव के लिए ज्यादा याद किया जाएगा, जिसके कारण मैच का नतीजा भी बदलना पड़ गया.

फाइनल मुकाबले में निर्धारित 90 मिनट के खेल के बाद दोनों टीमों का स्कोर- 1-1 से बराबरी पर रहा. फिर रेफरी ने पेनल्टी शूटआउट करने का फैसला किया. दिलचस्प बात यह रही कि गोलकीपरों सहित दोनों टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने अपने-अपने पेनल्टी किक को गोल में बदल दिया. ऐसे में स्कोर 11-11 पर पहुंचने के बाद रेफरी पेनल्टी शूटआउट जारी रखने ही वाली थीं कि उन्हें ऐसा करने के लिए मना कर दिया गया.

इसके बाद दोनों टीमों के कप्तान को बुलाया गया और सिक्का उछाला गया. भारतीय टीम भाग्यशाली रही और टॉस जीतने के साथ ही जश्न मनाना शुरू कर दिया. लेकिन तभी बांग्लादेश की खिलाड़ियों ने विरोध शुरू किया और काफी देर तक खेल का मैदान छोड़ने से इनकार कर दिया.

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उपद्रव के बाद बदलना पड़ा नतीजा

वहीं बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों ने मैदान पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दी और कुछ ने पत्थर भी फेंके. काफी देर तक भीड़ नारेबाजी भी करती दिखाई दी. इससे हर तरफ अफरातफरी का माहौल बन गया था. करीब एक घंटे तक स्टेडियम में बांग्लादेशी दर्शकों ने बवाल काटा जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को एक्शन लेना पड़ा. इस उपद्रव के बाद अधिकारियों को अपना फैसला बदलना पड़ा और दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया गया.

पीटीआई के मुताबिक, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के एक सूत्र ने बताया, ‘‘यह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अच्छी भाव भंगिमा थी. हमने दोनों टीम को संयुक्त विजेता घोषित करने के फैसले को स्वीकार कर लिया.’’

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