UP Politics: मायावती ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा व भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीड़न व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं. वास्तव में इनका विकास एवं उत्थान केवल BSP सरकार में ही हुआ.
सपा ने माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाकर अपनी ब्राह्मण विरोधी छवि को भी सुधारने की कोशिश की है. हाल के दिनों में अखिलेश यादव ने PDA पिछड़े , दलित और अल्पसंख्यक का राग खूब अलापा है.
Samajwadi Party: इससे पहले समाजवादी पार्टी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें विधायकों ने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जिम्मेदारी छोड़ दी थी. अखिलेश यादव ने विधानसभा के पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडे के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी.
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "केशव प्रसाद मौर्य, दिल्ली का मोहरा बन गए हैं. वो दिल्ली के वाईफाई के पासवर्ड बन गए हैं. क्या सरकार ऐसे चलेगी? दिल्ली वाले किसी से मिलते हैं, तो अब लखनऊ वाले भी लोगों से मिलने लगे हैं.
लंदन स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज की पूर्व छात्रा इकरा हसन ने अपनी मां तबस्सुम हसन और तीन बार विधायक रह चुके भाई नाहिद हसन के खिलाफ यूपी में मामला दर्ज किए जाने के बाद राजनीति में कदम रखा.
Budget 2024: डीएमके के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी साफ कर दिया कि उनके मुख्यमंत्री भी 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे.
Budget 2024: बजट पर TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "यह 'कुर्सी बचाओ' बजट है. जो NDA में है, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को अपने साथ रखने के लिए यह बजट है, यह बजट देश के लिए नहीं है."
Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव ने NEET मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, “यह कैसे संभव है कि एक ही सेंटर पर इतने सारे छात्रों को इतने अंक मिलें. यह सरकार और उस संस्थान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है जो इतनी बड़ी परीक्षा आयोजित कर रहा है.
West Bengal: सपा प्रमुख ने सरकार गिरने का भी दावा किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार चलने वाली नहीं है और वो सरकार गिरने वाली है. हम एक दिन देखेंगे कि यही सरकार गिरेगी और हमारे-आपके लिए खुशियों के दिन आएंगे.
कुछ ही महीने में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होना है. समाजवादी पार्टी ने अब महाराष्ट्र में अपने सहयोगी महाविकास आघाडी को संदेश देना चाहती है कि वह पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं और इसका फायदा उन्हें महाराष्ट्र में मिलेगा.